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मुख्यमंत्री के सामने में उठेगा श्मशान घाट की अधर में लटकी चारदीवारी का मामला
ग्रामीण लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की करेंगे मांग
बार-बार ज्ञापन व शिकायत के बाद भी 23 माह से पत्र-पत्र खेल रहे हैं अधिकारी
आठ मई 2023 से गांव के 16 पंच व पंचायत करती आ रही है चारदीवारी के निर्माण की मांग
हिसार। शिव धाम योजना के तहत जिला प्रशासन गांवों के श्मशान घाटों की स्थिति सुधारने के लाख दावे करता हो, मगर जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। निकटवर्ती गांव तलवंडी राणा के श्मशान घाट पर जिला प्रशासन के चहेते कुछ सरकारी कर्मचारियों एवं एक दर्जन से अधिक प्रभावशाली लोगों का कब्जा है। जिसके चलते करीब नौ वर्ष से इसकी चारदीवारी का निर्माण अधर में लटका हुआ है। बड़ी बात यह है कि कागजों में यहां पर बहुत कुछ हो चुका है। यहां पर पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति है। इसके लिए स्पेशल चार इंच की पाइप लाइन बिछी है, तीन जगहों पर पेयजल व हाथ धोने के लिए पानी के विशेष टैंकों का निर्माण किया गया है। मगर जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। यहां जमीनी स्तर पर चारदीवारी का निर्माण अधर में लटका हुआ है। यहां 15, 26000 रुपये का प्रपोजल तैयार होने के बावजूद भी सरकारी फाइल एक इंच भी नहीं सरक रही है। मामले में ग्रामीणों की दर्जनों शिकायत के बावजूद भी चादर तान कर सोने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। इस मामले में करीब दो दर्जन से अधिक ग्रामीण अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उनके चण्डीगढ़ स्थित आवास पर मिलेंगे। जिसमें मुख्य रूप से केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़, डा. ईश्वर सेन, सरपंच दयाल सिंह मोलिया, सारदूल वर्मा, ब्लॉक समिति सदस्य सूबेदार गंगाराम, पंच सतबीर, रमेश, रामनिवास गुरी, चिमन खटाणा, डा. राजकुमार बावता, पंच कर्मवीर सेन, पंच बलवंत खटाणा का नाम शामिल हैं।
बार-बार ज्ञापन व शिकायत के बाद भी 23 माह से पत्र-पत्र खेल रहे हैं अधिकारी
आठ मई 2023 से गांव के 16 पंच व पंचायत करती आ रही है चारदीवारी के निर्माण की मांग
हिसार। शिव धाम योजना के तहत जिला प्रशासन गांवों के श्मशान घाटों की स्थिति सुधारने के लाख दावे करता हो, मगर जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। निकटवर्ती गांव तलवंडी राणा के श्मशान घाट पर जिला प्रशासन के चहेते कुछ सरकारी कर्मचारियों एवं एक दर्जन से अधिक प्रभावशाली लोगों का कब्जा है। जिसके चलते करीब नौ वर्ष से इसकी चारदीवारी का निर्माण अधर में लटका हुआ है। बड़ी बात यह है कि कागजों में यहां पर बहुत कुछ हो चुका है। यहां पर पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति है। इसके लिए स्पेशल चार इंच की पाइप लाइन बिछी है, तीन जगहों पर पेयजल व हाथ धोने के लिए पानी के विशेष टैंकों का निर्माण किया गया है। मगर जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। यहां जमीनी स्तर पर चारदीवारी का निर्माण अधर में लटका हुआ है। यहां 15, 26000 रुपये का प्रपोजल तैयार होने के बावजूद भी सरकारी फाइल एक इंच भी नहीं सरक रही है। मामले में ग्रामीणों की दर्जनों शिकायत के बावजूद भी चादर तान कर सोने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। इस मामले में करीब दो दर्जन से अधिक ग्रामीण अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उनके चण्डीगढ़ स्थित आवास पर मिलेंगे। जिसमें मुख्य रूप से केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़, डा. ईश्वर सेन, सरपंच दयाल सिंह मोलिया, सारदूल वर्मा, ब्लॉक समिति सदस्य सूबेदार गंगाराम, पंच सतबीर, रमेश, रामनिवास गुरी, चिमन खटाणा, डा. राजकुमार बावता, पंच कर्मवीर सेन, पंच बलवंत खटाणा का नाम शामिल हैं।
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अकेले डीसी कार्यालय को छह रिमांडर:-
जिला प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मामले में मई 2023 से अब तक अकेले जिला उपायुक्त कार्यालय को सात बार ज्ञापन/शिकायत व रिमांइडर भेजे जा चुके हैं, इसके बावजूद भी मामले में कार्यवाही एक ईंच तक नहीं बढ़ पाई है। मामले में ग्राम पंचायत इस कार्यवाही का पूरा खर्च उठाने को तैयार है। उसके बावजूद भी जिला उपायुक्त कार्यालय कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है। मामले में खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय व तहसीलदार कार्यालय की लापरवाही भी अपनी नाकामी छुपाने के लिए हर रोज नए-नए बहाने बना रहे हैं।
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कहां-कहां लगाई है गुहार:-
गांव तलवंडी राणा के 16 पंचों एवं दूसरे जन-प्रतिनिधियों ने गांव की श्मशान भूमि की चारदीवारी को पूर्ण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जिला उपायुक्त हिसार सहित करीब एक दर्जन मंत्रियों से गुहार लगा चुके हैं।
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क्या है शिव धाम योजना:-
प्रदेश के श्मशान घाटों की स्थिति सुधारने व उन्हें नया रूप देने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में शिव धाम योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत प्रदेश के प्रत्येक श्मशान घाट के रास्ते पक्के करने, पीने के पानी के लिए टंकियों का निर्माण करने व उनमें पानी का कनेक्शन लगाने, चारदीवारी का निर्माण करवाने व टीन शेड का निर्माण सहित कई आवश्यक कार्य करवाएं जाते हैं। प्रदेश सरकार का दावा है कि अधिकांश गांवों में ये सभी कार्य हो चुके हैं या फिर ये कार्य अंतिम चरण में हैं।
अकेले डीसी कार्यालय को छह रिमांडर:-
जिला प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मामले में मई 2023 से अब तक अकेले जिला उपायुक्त कार्यालय को सात बार ज्ञापन/शिकायत व रिमांइडर भेजे जा चुके हैं, इसके बावजूद भी मामले में कार्यवाही एक ईंच तक नहीं बढ़ पाई है। मामले में ग्राम पंचायत इस कार्यवाही का पूरा खर्च उठाने को तैयार है। उसके बावजूद भी जिला उपायुक्त कार्यालय कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है। मामले में खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय व तहसीलदार कार्यालय की लापरवाही भी अपनी नाकामी छुपाने के लिए हर रोज नए-नए बहाने बना रहे हैं।
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कहां-कहां लगाई है गुहार:-
गांव तलवंडी राणा के 16 पंचों एवं दूसरे जन-प्रतिनिधियों ने गांव की श्मशान भूमि की चारदीवारी को पूर्ण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जिला उपायुक्त हिसार सहित करीब एक दर्जन मंत्रियों से गुहार लगा चुके हैं।
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क्या है शिव धाम योजना:-
प्रदेश के श्मशान घाटों की स्थिति सुधारने व उन्हें नया रूप देने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में शिव धाम योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत प्रदेश के प्रत्येक श्मशान घाट के रास्ते पक्के करने, पीने के पानी के लिए टंकियों का निर्माण करने व उनमें पानी का कनेक्शन लगाने, चारदीवारी का निर्माण करवाने व टीन शेड का निर्माण सहित कई आवश्यक कार्य करवाएं जाते हैं। प्रदेश सरकार का दावा है कि अधिकांश गांवों में ये सभी कार्य हो चुके हैं या फिर ये कार्य अंतिम चरण में हैं।
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