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अधिकारों को लेकर, महिलाओं में जागरूकता जरूरी 

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‘स्त्री-पुरुष समानता में नागरिक दायित्व व शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका’ पर वर्कशॉप का आयोजन
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शनिवार को चौ देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में ‘स्त्री-पुरूष समानता में नागरिक दायित्व व शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका’ पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस दौरान उपस्थित महिलाओं और विद्यार्थियों को अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में एसडीएम कालांवाली सुरेश रावीश ने मुख्य अतिथि और एएसपी उत्तम श्री ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की।
मुख्य अतिथि एसडीएम कालांवाली सुरेश रावीश ने कहा कि महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता और क्रियान्वयन जरूरी है। हमारे संविधान में महिलाओं के उत्थान के लिए कानून बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को बुनियादी बातों के बारे में अवश्य जागरूक करें। इसके अलावा, अभिभावक अपने बच्चों को दूसरों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने, सुरक्षित सीमाओं को समझने और किसी भी अनुचित व्यवहार के बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें।
वहीं विशिष्ट अतिथि एएसपी उत्तम श्री ने कहा कि महिलाओं को स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है, भारतीय संविधान में संपत्ति अधिकार, घरेलू हिंसा कानून, और यौन शोषण से बचाव के लिए कानून बनाए गए हैं। पोक्सो एक्ट में बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। यदि कार्यस्थल पर कोई उत्पीड़न होता है तो, आंतरिक शिकायत समिति में महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। प्रदेश के हर जिले में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 लागू है, किसी भी आपात स्थिति में 6 मिनट में पीसीआर मौके पर पहुंचती है।
कार्यक्रम में सीडीएलयू के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश बंसल, डॉ. रविंदर पुरी, उप निदेशक डा दर्शना सिंह, सीडीएलयू से युवा कल्याण निदेशक प्रो. मंजू नेहरा, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुदेश, पंचकूला पुलिस से जन संपर्क अधिकारी राजीव रंजन, उर्दू के शायर शम्श तबरेजी आदि ने महिला सशक्तिकरण पर विचार रखें।

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