डबवाली-कालांवाली सड़क मार्ग, चौटाला रोड, हुड्डा सेक्टर एवं नई अनाज मंडी के बाहरी क्षेत्र में पहाड़ी (उल्लू) नीम के बड़े-बड़े पेड़ समय-समय पर स्वयं प्राकृतिक तौर पर पैदा हो रहे हैं। इन पेड़ों की लकड़ी नाजुक एवं हल्की होने के कारण मामूली तेज हवा, आंधी के झटके लगने से इसके टहने एवं टहनियां टूट कर वहां से गुजरने वाले वाहनों एवं राहगीरों पर गिरकर भारी हानि पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि इस पेड़ की लकड़ी का कहीं भी प्रयोग नहीं किया जाता।
डबवाली रेजिडेंशियल वैल्फेयर एसोसिएशन के संरक्षक शाम लाल जिंदल गंगा, संरक्षक सौरभ गर्ग, अध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला ने बताया कि वन विभाग द्वारा इन पेड़ों पर नंबर अंकित कर अपने रिकार्ड सूची में शामिल किए जाने से अब कोई अन्य व्यक्ति सुरक्षा की दृष्टि से इसकी कटाई नहीं करवा सकता। क्योंकि वन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का पेड़ काटना कानूनी अपराध माना जाता है।
पिछले दिनों से यहां से गांव पन्नीवाला में स्थित संत बाबा रामगिर जी महाराज के समाधि स्थल पर जा रहे श्रद्धालुओं की कार पर गांव मांगेआना के पास इस पेड़ का टहना टूट कर गिर गया लेकिन सौभाग्य से कार का अधिक नुकसान नहीं हुआ। इसी प्रकार गांव पिपली में नियुक्त एक अध्यापिका की स्कूटी पर भी ऐसे ही टहना गिरने से वह भी घायल हो गई। गांव मांगेआना के पास एक निजी बस के आगे टहना गिरने से इस पेड़ का टहना गिरने के बावजूद बड़ा हादसा टल गया। संस्था के प्रतिनिधियों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जिला प्रशासन, वन विभाग के जिला अधिकारियों से इन पेड़ों को तुरंत कटवाने की मांग करते हुए कहा कि वन विभाग के अधिकारी इन पेड़ों को अपनी रिकार्ड सूची से बाहर कर भविष्य में इन पेड़ों पर नंबर अंकित करवाना बंद करें। वन विभाग इन पेड़ों को स्वयं काटे अथवा नगरपालिका एवं ग्राम पंचायतों को यह पेड़ काटने की अनुमति दी जाए जिससे भविष्य में कई बड़े हादसे होने से बच सकें