संयुक्त किसान मोर्चा, मजदूर संगठन व कर्मचारी संगठनों की तरफ से मंगलवार को संयुक्त किसान क मोर्चा के दिल्ली कृश की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर जिला मुख्यालय पर धरना दिया गया। किसानों मजदूरों की पिछले आंदोलन के समझौते की वादाखिलाफी के खिलाफ व मौजूदा समस्याओं के बाबत उनका समाधान करने के लिए सरकार को राष्ट्रपति के माध्यम से चेतावनी पत्र भेजा गया।
इस अवसर पर डा. सुखदेव जम्मू ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि सिर्फ हरियाणा व पंजाब के किसान एम.एस.पी. लेने की बात करते हैं और देश के दूसरे भागों से किसान बोल ही नहीं रहे। इसी के जवाब में सरकार को आगाह करने के लिए देश भर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होगा। सरकार किसानों की लंबित मांगों को तुरंत मानें। अन्यथा, किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा 26 नवम्बर के बाद तुरंत कोई बैठक कर आंदोलन चलाने पर मजबूर होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी। किसानों की प्रमुख मांगों में फसलों का भाव एम.एस.पी. देकर खरीद की गारंटी कानून बनाया जाए। किसान व मजदूरों का कर्ज बिना शर्त माफ किया जाए। जब पूंजीपतियों का 17 लाख करोड़ रुपए तक माफ किए जाते हैं तो किसानों के क्यों नहीं। बिजली संशोधन विधेयक 2020 वापिस लिया जाए। । लखीमपुर खीरी के किसानों के हत्यारों को सजा दी जाए, सरकार दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करे। बी.टी. कॉटन का हरियाणा पंजाब व राजस्थान में 46 प्रतिशत एरिया कम हो गया है।
इसके दुष्परिणामों के कारण किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं, इसलिए किसान जी. एम. बीजों का विरोध करते हैं। भूमि अधिग्रहण विधेयक 2021 रद्द करके 2013 का कानून लागू किया जाए। खराब हुई फसलों का मुआवजा तुरंतं दिया जाए। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल नीति को बंद किया जाए। किसानों पर पराली जलाने पर मुकदमे दर्ज किए हैं, उनको वापस लिया जाए। किसानों को खाद और बीज उपलब्ध कराने के पूरे प्रबंध किए जाएं।
धरना स्थल पर जनसभा को सभी संगठनों के संबोधित करने वाले नेता मदन लाल खोथ, लक्खा सिंह अलीकां, हमजिन्दर सिद्ध, बाया गुरदीप सिंह, रघुबीर सिंह नकौडा, सुरजीत सिंह, बलजीत सिंह, सुन्दरपाल, दलीप सिंह, भरत सिंह झाझंड़ा वरिष्ठ किसान नेता का स्वर्ण सिंह विर्क थे। मंच संचालन डा. सुखदेव सिंह जम्मू ने किया