– जब चुनाव हार जाएं तो ई.वी.एम. खराब, जीते तो ठीक नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने देश में चुनावों के लिए फिर से बैलेट पेपर के जरिए मतदान कराने की व्यवस्था किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पी.बी. वराले की पीठ ने टिप्पणी की, ‘जब आप चुनाव जीतते हैं तो ई.वी.एम. (इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ नहीं होती। जब आप चुनाव हार जाते हैं तो ई.वी.एम. से छेड़छाड़ होती है। याचिका में मतपत्र से मतदान कराए जाने के अलावा कई अन्य दिशा-निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया गया था।
पॉल ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने दावा किया है कि ई.वी.एम. से छेड़छाड़ की जा सकती है। पीठ ने कहा, “जब चंद्रबाबू नायडू हारे थे, तो उन्होंने कहा था कि ई.वी.एम. से छेड़छाड़ की जा सकती है। अब इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे हैं तो उन्होंने कहा है कि ई.वी.एम. से छेड़छाड़ की जा सकती है और जब वे जीतते हैं तो वे कुछ नहीं कहते हैं’
याचिका में निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि यदि कोईउम्मीदवार चुनाव के दौरान मतदाताओं को धन, शराब या अन्य भौतिक प्रलोभन देने का दोषी पाया जाता है, तो उसे कम से कम 5 साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए। जब याचिकाकर्ता के.ए. पॉल ने कहा कि जनहित याचिका उन्होंने दायर की है तो पीठ ने कहा, ‘आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं। आपको ये शानदार विचार कहां से मिलते हैं?’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि कमजोर तबकों का वोट जाया हो रहा है, ऐसे में मतपत्रों के जरिए मतदान होना चाहिए तथा इस मांग को लेकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कीतरह एक मुहिम शुरू करनी होगी।
उन्होंने कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों की ओर से आयोजित ‘संविधान रक्षक अभियान’ कार्यक्रम में यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जातिजनगणना कराने से डरते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘एस.सी., एस.टी.ओ.बी.सी., गरीब तबके लोग अपनी पूरी शक्ति लगाकर वोट दे है, परंतु उनका वोट फिजूल जा रहा है.. मतपत्र के जरिए वोट चाहिए।