29 दिसंबर को होने वाला कार्यक्रम किया स्मृति शेष डा. सुभाष मानसा को समर्पित
प्रगतिशील लेखक संघ, सिरसा व पंजाबी लेखक सभा, सिरसा की डा. गुरप्रीत सिंह सिंधरा व परमानंद शास्त्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई संयुक्त बैठक में प्रलेस केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रलेस हरियाणा राज्य इकाई के अध्यक्ष डा. सुभाष मानसा के हुए असामयिक आकस्मिक निधन पर गहन शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की गई। बैठक में अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के राष्ट्रीय सचिवमंडल सदस्य एवं प्रलेस हरियाणा राज्य इकाई के महासचिव डा. हरविंदर सिंह सिरसा ने डा. सुभाष मानसा का स्मरण करते हुए कहा कि पंजाब के मानसा में पैदा हुए सुभाष मानसा ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के पंजाबी विभाग से एमए व पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात एमएम कॉलेज, फतेहाबाद में कुछ समय तक पंजाबी प्राध्यापक के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान कीं। इसके पश्चात उन्होंने उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा में प्राध्यापक पद पर कार्यभार ग्रहण करते हुए हरियाणा के राजकीय महाविद्यालयों में लंबे अंतराल तक अपनी सेवाएं प्रदान कीं और टोहाना के इंदिरा गाँधी राजकीय महाविद्यालय से सेवानिवृत हुए। सेवानिवृत्ति उपरान्त डा. सुभाष मानसा कुछ देर तक टोहाना के दुर्गा महाविद्यालय व डिफेन्स कॉलेज में प्राचार्य के तौर पर भी कार्यरत रहे। टोहाना को अपनी कर्मस्थली व यहीं अपना स्थाई निवास बनाते हुए डा. सुभाष मानसा ने जहां एक प्रतिबद्ध शिक्षक एवं सजग शिक्षविद के तौर पर अपनी विलक्षण पहचान बनाई वहीं एक मार्क्सवादी चिंतक के तौर पर उन्होंने चिंतन और लेखन के क्षेत्र में सक्रिय होते हुए हरियाणा में प्रगतिशील साहित्यिक तथा सांस्कृतिक आंदोलन को संगठित व मज़बूती प्रदान करने में उदाहरणीय एवं अनुकरणीय भूमिका का निर्वहन किया। डा. हरविंदर सिंह सिरसा ने कहा कि डा. सुभाष मानसा ने स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिनाम लेखकों, चिंतकों, दार्शनिकों, इतिहासविदों व समाजशास्त्रियों के लेखन का अध्ययन-मनन करते हुए अपने आप को सदैव वैश्विक नवीनतम ज्ञान से जोड़े रखा। मार्क्सवादी चिंतक, प्रतिबद्ध शिक्षक, प्रबुद्ध शिक्षाविद, ओजस्वी वक्ता एवं सुह्रदय व्यक्तित्व डा. सुभाष मानसा को ज्ञान का बहता हुआ दरिया बताते हुए डा. हरविंदर सिंह सिरसा ने कहा कि डा. सुभाष मानसा के निधन से प्रगतिशील चिंतन, लेखन, प्रगतिशील साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आंदोलन की जो क्षति हुई है वह अपूरणीय है। बैठक में प्रलेस राष्ट्रीय अध्यक्षमंडल के सदस्य का. स्वर्ण सिंह विर्क, वरिष्ठ लेखक प्रो. हरभगवान चावला, रमेश शास्त्री, डा. गुरप्रीत सिंह सिंधरा, परमानंद शास्त्री, डा. शेर चंद, सुरजीत सिंह सिरडी व अनीश कुमार ने डा.सुभाष मानसा के असामयिक आकस्मिक निधन पर उनके पारिवारिक सदस्यों, साथी-स्नेहियों एवं प्रशंसकों के प्रति हार्दिक सहानुभूति एवं गहन शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि डा. सुभाष मानसा द्वारा प्रगतिशील चिंतन, लेखन, प्रगतिशील साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आंदोलन के क्षेत्र में प्रदत्त विलक्षण योगदान हेतु उनकी स्मृति सदैव बनी रहेगी। बैठक में सर्वसम्मति से पारित निर्णयानुसार प्रलेस व पंजाबी लेखक सभा द्वारा 29 दिसंबर को सिरसा के श्री युवक साहित्य सदन में आयोजित किया जाने वाला पुस्तक समीक्षा एवं काव्य-गोष्ठी कार्यक्रम स्मृति शेष डा. सुभाष मानसा को समर्पित होगा। इस कार्यक्रम में प्रो. हरभगवान चावला रचित कहानी संग्रह ‘बाँसुरी तथा अन्य कहानियाँ’ पर वीरेंदर भाटिया, सुरजीत सिरड़ी रचित पंजाबी काव्य-संग्रह ‘मिट्टी करे सुआल’ पर डा.बलराज सिंह व डा. गुरप्रीत सिंह सिंधरा रचित नाटक ‘जो लरै दीन के हेत’ पर डा. कुलविंदर सिंह पदम समीक्षा प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा प्रो. हरभगवान चावला अपने नव-प्रकाशित लघुकथा संग्रह ‘सबसे ऊँची ज़मीन’ से लघु कथाओं का पाठ व सुरजीत सिरड़ी अपने नव-प्रकाशित अनूदित काव्य-संग्रह ‘कुंभ च छुटियां औरतां’ में से कविता पाठ करेंगे। इस अवसर काव्य-गोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें में वरिष्ठ कवयित्री डा. शील कौशिक, डा. आरती बंसल, छिन्द्र कौर सिरसा, मेघा शर्मा, रमनदीप मान व महक भारती अपनी कविताओं की प्रस्तुति करेंगी। इस काव्य-गोष्ठी का संचालन डा. हरमीत कौर द्वारा किया जाएगा। इस साहित्यिक आयोजन की अध्यक्षता अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के राष्ट्रीय अध्यक्षमंडल के सदस्य का.स्वर्ण सिंह विर्क व प्रलेस के राष्ट्रीय सचिवमंडल के सदस्य डा. हरविंदर सिंह सिरसा करेंगे। कार्यक्रम की आयोजन समिति ने सिरसा व आस-पास के गणमान्य प्रबुद्धजन से इस आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज़ करवाने हेतु नम्र-निवेदन किया है