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सिरसा और फतेहाबाद जिला में गंभीर रूप धारण करती जा रही है नशे की समस्या: कुमारी सैलजा

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कहा- नशे की ओवर डोज से युवाओं की मौत का सिलसिला जारी
चंडीगढ़, 17 मार्च।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा खासकर सिरसा और फतेहाबाद जिला में नशे की समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है। एक ओर जहां घर के घर उजड़ते जा रहे है वहीं नशे की ओवर डोज से युवाओं की मौत का सिलसिला जारी है। जबकि सरकार गांवों के नशा मुक्त होने का  पंचायतों से जबरन प्रस्ताव पारित करवाकर अपनी पीठ थपथपा रही है, नशा न तो कल रूका था न आज रूक रहा है, अगर शासन और प्रशासन ऐसे ही काम करता रहा तो आगे भी नशे का धंधा फलता-फूलता रहेेगा।मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में नशा नासूर की तरह फैल रहा है, नशे से युवा मौत का शिकार हो रहे है तो घर के घर बरबाद हो रहे हैं। नशा पंजाब और राजस्थान के साथ लगते हरियाणा के लोकसभा क्षेत्रों में अधिक प्रभावी है। हिसार, सिरसा, भिवानी-महेंद्रगढ़, अंबाला और कुरुक्षेत्र आदि इससे प्रभावित है, इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के साथ लगते करनाल, सोनीपत, फरीदाबाद व गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्रों में भी नशीले पदार्थ काफी बिक रहे हैं। जित दूध दही का खाणा, वह मेरा हरियाणा के नाम से पहचान बनाने वाले प्रदेश की आज की तस्वीर काफी डरावनी है। प्रदेश के कुल 22 जिलों में 13 जिले बुरी तरह से नशे की चपेट में हैं और ये जिले नशे के हॉट स्पाट बन चुके हैं। सरकार इस मामले में हाथ पर हाथ रखकर बैठी रही, अगर सरकार चाहती तो नशा तस्कर इस जमीन पर खड़े तक नहीं हो सकते थे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि पंजाब को ‘उड़ता पंजाब’ के नाम से जाना जाने लगा और अब हरियाणा की भाजपा सरकार ने इस प्रदेश को नशे में ‘उड़ता हरियाणा’ में तब्दील कर दिया।   सरकार का ‘नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो’ ये स्वीकार कर रहा है कि प्रदेश के 22 में से 13 जिले नशे की भयानक चपेट में हैं। पर हालात देखकर लग रहा है कि आज पूरा प्रदेश नशे का हब बन चुका है। सरकार को प्रदेश के युवाओं की कोई फिक्र ही नहीं है। भाजपा सरकार ने दस साल के कार्यकाल में प्रदेश को नशा, अपराध और बेरोजगारी का हब बनाकर रख दिया है।

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा और फतेहाबाद जिला के नशे की ओवरडोज से एक के बाद एक युवाओं की मौत हो रही है। रोडी क्षेत्र में दो माह में करीब युवाओं की मौत हो चुकी है, रतिया क्षेत्र में भी नशे की ओवरडोज से अनेक युवाओं की मौत हो चुकी है। शहरों के साथ अब गांवों में भी सिंथेटिक नशा पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नशा मुक्ति केंद्रों के हालात भी खराब हैं और प्रदेश में मनोचिकित्सकों की संख्या भी कम है। कांग्रेस ने हर बार इस मुद्दे को उठाती रही है। नशा करने वालों में युवाओं के साथ महिलाओं की भी तादाद बढ़ी है। नशे से हुई मौत के असल आंकड़े सामने नहीं आने दिए जाते नशे से मरने वालों युवाओं की मौत का अन्य कारण बता दिया जाता है। रोड़ी में मरने वालों का आंकडा बताए जा रहे आंकड़े से कही अधिक है। सैलजा ने कहा कि जब तक पुलिस नशा तस्करों की चेन नहीं तोड़ेगी तब तक नशे का धंधा चलता रहेगा। पंजाब की सीमा से लगे होने के कारण सिरसा और फतेहाबाद क्षेत्र में मेडिकल नशे और चिट्टे का प्रभाव अधिक है।

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सिरसा में कोई बड़ा सरकारी नशा मुक्ति केंद्र नहीं
यहां के सिविल अस्पताल में एक नशा मुक्ति केंद्र है, तो पंजाब के साथ सटी कालांवाली मंडी में एक नशा मुक्ति केंद्र है। कालांवाली के केंद्र में तो कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है, वहीं सिविल अस्पताल के केंद्र में भी स्टाफ की कमी है। ऐसे में अपने बच्चों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए यहां के अभिभावकों को जयपुर, गंगानगर, दिल्ली, रोहतक आदि शहरों की सड़के नापनी पड़ती हैं।

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