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जीवन जीने के दो तरीके संघर्ष या समर्पण

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माता हरकी देवी महिला महाविद्यालय में  “जीवन ने आपको चुना है,या अपने जीवन को चुना है” विषय पर एक वार्ता का आयोजन अर्थशास्त्र विभाग की प्रवक्ता मीनाक्षी जैन द्वारा कला संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ हरमीत कौर के दिशा निर्देशन में किया गया। मुख्यातिथि के रूप में एम.एच.डी ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ शशिकांत उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर अभिलाषा शर्मा द्वारा की गई। मुख्य वक्ता के रूप में बी.एड  प्राचार्य डॉक्टर कृष्णकांत ने शिरकत की। जिन्होंने छात्राओं को जीवन के हर पड़ाव का परिचय देते हुए बताया कि मनुष्य हर समय एक नया जन्म लेता है। जीवन एक अवसर है और यह एक संभावना है। जीवन को सतही तरीके से जीने के बजाय, उसे महसूस करना चाहिए और उसके हर क्षण का अनुभव करना चाहिए। जीवन एक वीणा है और सब कुछ बजाने पर निर्भर करता है। जीवन को जीने के दो ढंग है संघर्ष और समर्पण। समर्पण कर मनुष्य अपने जीवन को बड़े आसान तरीके से जी सकता है परंतु संघर्ष जीवन जीने का सही तरीका है। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के सभी प्रवक्तागण व समूह छात्राएं उपस्थित रही।

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