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सर्वोच्च न्यायालय पर टिप्पणी कर रहे भाजपा सांसद

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किसके इशारे पर सर्वोच्च न्यायालय पर टिप्पणी कर रहे है भाजपा सांसद: कुमारी सैलजा

अगर सांसदों के निजी विचार तो भाजपा अध्यक्ष ने क्यों नहीं जारी किया कारण बताओ नोटिस

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय पर टिप्पणी कर भाजपा देश की संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है, भाजपा को बताना होगा कि उनके नेता किसके इशारे पर सर्वोच्च न्यायालय पर टिप्पणी कर रहे है। पर भाजपा न्यायपालिका पर अस्वीकार्य टिप्पणियों पर पूरी तरह से चुप हैं। संविधान पर बार-बार हो रहे हमलों को लेकर पीएम भी मौन है। उधर भाजपा ने अपने सांसदों द्वारा सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई पर किए गए हमलों से खुद को अलग तो कर लिया, अगर ये सांसदों के अपने विचार है तो पार्टी ने दोनों सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी क्यों नहीं किया।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा ने तो सर्वोच्च न्यायालय को भी नहीं बक्शा उस पर भी उंगली उठाई जा रही है, भाजपा संवैधानिक संस्थाओं पर भी भरोसा नहीं कर रही है। कुमारी सैैलजा ने कहा कि 11 साल से भाजपा सत्ता में है, उसके नेताओं को जवाब देना चाहिए कि वे किसके इशारे पर सर्वोच्च न्यायालय और कांग्रेस पर उंगली उठा रहे हैं। अगर भारतीय संविधान पर लगातार हो रहे हमलों पर प्रधानमंत्री की लगातार चुप्पी इन हमलों का मौन समर्थन तो नहीं है। भाजपा ने अपने सांसदों द्वारा सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई पर किए गए हमलों से खुद को अलग कर लिया, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह कहना कि कि ये टिप्पणियां उनके निजी विचार हैं। कुमारी सैलजा ने भाजपा अध्यक्ष से पूछा है कि दोनों सांसदों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और उन्हें कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया।

 

 

 

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की अनाजमंडिया गेहूं से भरी पड़ी है, मंडी में जगह न होने पर मंडी के बाहर सड़को और मैदान में गेहूं की ढेरियां लगी हुई है क्योंकि कही पर भी उठान नहीं हो पा रहा है। सरकार जल्द भुगतान की बात तो कर रही है पर हो नहीं रहा है। मंडियां अनाज से भरी होने के बावजूद किसान के हाथ खाली है। सरकार के 48 घंटे में उठान के आदेश हवाई साबित हो रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि जब मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सरकार को पूरा आंकडा मिल चुका था कि गेहूं की कितनी बिजाई हुई है और कितना उत्पादन हुआ है उसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रबंध क्यों नहीं किया। मौजूदा हालात के लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की लापरवाही का खामियाजा किसानों को नहीं भुगतना चाहिए। किसान से गेहूं खरीद ली जाती है पर उठान न होने पर पड़ी हुई गेहूं को अगर कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई किसान से की जाती है जो पूरी तरह से अनुचित है। गेहूं खरीद के बाद एजेंसी की ही जिम्मेदारी होनी चाहिए।

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