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समृद्ध हरियाणा के लिए नशा मुक्त समाज अनिवार्य: भावना शर्मा

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सिरसा। भाजपा महिला मोर्चा जिला प्रधान भावना शर्मा ने नशे के खिलाफ निकाली जा रही साइक्लोथोन को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सरकार का यूथ को नशे से बचाने के लिए सराहनीय कदम है। जारी बयान में भावना शर्मा ने कहा कि हरियाणा में समृद्धि और नशा एक साथ नहीं चल सकते। सरकार का स्पष्ट मत है कि यदि प्रदेश को निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रखना है, तो समाज को नशे के दुष्चक्र से मुक्त करना ही होगा। नशे की लत न केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद करती है, बल्कि सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक ताने-बाने को भी गहराई से चोट पहुंचाती है। शर्मा ने कहा कि नशे का सबसे दर्दनाक प्रभाव समाज की महिलाओं और बहनों पर पड़ता है। जब कोई सदस्य नशे की गिरफ़्त में आता है तो महिलाओं को प्राय: हिंसा, अपमान और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। अध्ययन बताते हैं कि जिन घरों में नशा व्याप्त है, वहां महिलाओं के खिलाफ  घरेलू हिंसा के मामले अधिक होते हैं, आर्थिक असुरक्षा बढ़ती है और सामाजिक अलगाव गहरा जाता है। एक ओर परिवार के सदस्य को नशे में फंसा देखना, दूसरी ओर घर की जिम्मेदारी अकेले निभाना यह दोहरी पीड़ा महिलाओं को मानसिक और भावनात्मक रूप से तोड़ देती है। शर्मा ने कहा कि नशे के कारण परिवारों में खुशियों का स्थान दु:ख ने ले लिया है। बहनों की शादियां टूट रही हैं, माताओं के सपने बिखर रहे हैं और बेटियों का भविष्य अंधेरे में डूब रहा है। आर्थिक रूप से, नशे के आदी परिवार अपनी आमदनी का 40 से 60 प्रतिशत नशे पर खर्च कर देते हैं, जिससे कर्ज बढ़ता है और गरीबी गहराती है। हरियाणा और पंजाब मिलकर हर साल लगभग 10000 करोड़ का नुकसान केवल कार्यक्षमता में गिरावट और नशे से संबंधित सामाजिक क्षति के कारण झेल रहे हैं। नशा न केवल परिवार तोड़ता है, बल्कि पूरे समाज को अस्थिर कर देता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विशेष रूप से पंजाब से सटे जिलों में नशे की बढ़ती चुनौती को लेकर सतर्क है। पंजाब की वर्षों पुरानी नशे की समस्या का असर हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी देखा गया है। प्रदेश सरकार ने इन सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई है और नशा तस्करों के खिलाफ  सख्त कार्रवाई की जा रही है। विशेष बलों की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन और सीसीटीवी निगरानी भी बढ़ाई गई है। राज्य सरकार ने हाल ही में 46 नए नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की घोषणा की है और स्कूलों एवं कॉलेजों में नशा विरोधी जागरूकता अभियानों को गति दी है। लाड़ली लक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक ढांचे को मजबूत कर नशे के खिलाफ जन आंदोलन तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में हरियाणा को नशा मुक्त बनाने और युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए ड्रग फ्री हरियाणा साइक्लोथॉन 2.0 का आयोजन किया गया है, जिसकी शुरुआत हिसार से 5 अप्रैल को हुई थी और आज 27 अप्रैल को सिरसा में समाप्त हुई है। यह अभियान हरियाणा के कोने-कोने तक नशा मुक्त संदेश पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और युवा पीढ़ी को जागरूक कर रहा है। हरियाणा सरकार पूरे संकल्प के साथ इस लड़ाई को लड़ रही है और विश्वास करती है कि इस संघर्ष में विजय प्राप्त कर हम एक स्वस्थ, खुशहाल और विकसित हरियाणा का निर्माण करेंगे।

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