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एक दिन मै अपने कुत्ते के साथ मैदान में टहल रही थी।
- तभी मैंने देखा कि कुछ लड़के पार्टी कर रहें हैं। उन्हीं में से एक लड़के ने पिज्जा आर्डर किया।
- लगभग 15-20 मिनट के बाद उस लड़के का आर्डर आ गया।
- उसके सभी मित्र बहुत खुश हुए परंतु वह लड़का बहुत आश्चर्यचकित हुआ क्योकि उसका पिज्जा लाने वाला कोई और नहीं उसके पिता जी थे।
- अचानक उन्हें देखकर वह सोचने लगा कि क्या यह सपना है। परंतु जैसे ही उसके मित्रो ने कहा इसे पैसे दे दो ताकि हम जल्दी से पार्टी का मजा ले सके।
- तभी उसे एहसास हुआ कि वह सचमुच उसके पिता ही है।
- अब वह लड़का वहीं फूट फूटकर रोने लगा। जब उसके मित्रो ने उसके रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि “यह पैसे मेरे पिता जी ने मुझे किताबे खरीदने के लिए दिए थे, ताकि मैं परीक्षा में अच्छे अंक उत्तीर्ण कर सकूं और वह स्वयं मेरे सामने खड़े हैं। “
- यह सुनकर उसके मित्रो ने सोचा कि यह मजाक कर रहा है, परंतु जब पिज्जा वाले व्यक्ति ने कहा कि “मैं दिन रात अथक परिश्रम करता हूँ, चाहे कितनी भी धूप हो घर-घर पिज्जा कि डिलीवरी करता हूँ ताकि मेरा बेटा पढ़-लिखकर अपना जीवन सफल बनाए। परंतु पैसे कि एेसी बरबादी करने के विषय में मैं सोच नहीं था।
- ” यह दृश्य देखकर मुझे एहसास हुआ कि माँ-बाप अपनी संतान के लिए कितनी मेहनत करते हैं और बच्चे उनके द्वारा किए गए त्याग और बलिदान से अनभिज्ञ रहते हैं।
- सचमुच मैदान की इस घटना ने मेरे हृदय को छू लिया।