सिरसा। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव अगले दो महीने में हो जाएंगे व इसकी आधिकारिक घोषणा हरियाणा सिख गुरुद्वारा चुनाव आयोग द्वारा जल्दी कर दी जाएगी। यह आश्वासन रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा सिख एकता दल के प्रतिनिधिमंडल को दिया। मुख्यमंत्री निवास कबीर कुटीर पर हरियाणा के सिख समाज के मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष रूप से बुलाए गए हरियाणा सिख एकता दल के सदस्यों को मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि इसके लिए हमने हर जिले के उपायुक्त को नोडल अधिकारी बना दिया है व सिख समाज जल्दी से जल्दी अपनी वोट बनवाए, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने सिख समाज की बाकी मांगों पर भी सकारात्मक रुख दिखाते हुए उनके जल्दी हल का यकीन दिलाया। औलख ने मुख्यमंत्री के समक्ष 2020 में सिरसा जिले के संतनगर गांव में ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे 14 सिखों पर ऐलनबाद में देशद्रोह व अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे की बात रखी, जिस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मौके पर ही अधिकारियों को मुकदमा रद्द करने की कार्रवाई के आदेश दिए। हरियाणा सिख एकता दल की ओर से आज लखविन्द्र सिंह औलख सिरसा, प्रीतपाल सिंह पन्नु, जगदीप सिंह औलख, गुरतेज सिंह खालसा, अमरजीत सिंह मोहड़ी अंबाला, जत्थेदार अवतार सिंह चक्कु, शरणजीत सिंह सौंथा कैथल, सुखविंदर सिंह झब्बर, अमृत सिंह बुग्गा, एडवोकेट गुरतेज सिंह सेखों कुरुक्षेत्र, कुलविंदर सिंह गिल हिसार, मनदीप सिंह फतेहाबाद, सुखदीप सिंह कुरुक्षेत्र, सरबजीत सिंह बत्रा यमुनानगर, सुखविंदर सिंह चम्मू व पानीपत से तेजिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री को हरियाणा के सिख समाज की मांगों का ज्ञापन सौंपा। बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, ओएसडी भारत भूषण भारती व ओएसडी प्रभलीन सिंह भी मौजूद रहे। सिख प्रतिनिधिमंडल की ओर से मुख्य मंत्री के सकारात्मक रुख़ की प्रशंसा की गई व उम्मीद जाहिर की कि सिख समाज को उनके बनते हक जल्दी दिये जाएंगे।
ये मांगें रही मांग पत्र में शामिल:
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव की तिथि घोषित की जाए व साथ ही नए वोट बनाने की प्रक्रिया को सरल कर ज्यादा से ज्यादा वोट बनाए जाएं। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाये व गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे सिरसा जिला के 14 सिखों पर ऐलनबाद में देश द्रोह व अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे को रद्द किया जाये। सजा पूरी कर चुके बंदी सिखों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार तक हरियाणा के सिखों की भावना को पहुंचाया जाये। पंजाबी भाषा को पूर्ण रूप से द्वितीय भाषा का दर्जा देने के लिए सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी अध्यापकों की भर्ती, सभी विभागों में पंजाबी ट्रांसलेटर व टाइपिस्ट की भर्ती की जाये। हरियाणा सरकार में सिख समाज की कोई प्रतिनिधता नहीं है। राज्यसभा की ख़ाली सीट व अन्य अदारों में सिख समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाये। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में भी हरियाणा के सिखों को लिया जाये। हरियाणा में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाये। सोशल मीडिया पर सिख समाज व गुरुओं के प्रति भद्दी शब्दावली व किसी भी समुदाय के प्रति गलत पोस्ट में तुरंत कारवाई के लिए हर ज़िले में पुलिस विभाग की विशेष टीम बनाई जाए। सिख बच्चों को परीक्षाओं में ककार, कड़ा आदि पहनने से न रोकने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं। हर जिले में सिख समाज को अन्य समुदायों की तरह अपनी धर्मशाला, सामुदायिक केंद्र बनाने के लिए स्थान दिये जाएं। पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा की गई घोषणाओं, जिनमें गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर यूनिवर्सिटी, गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में चेयर बनाना, कुरुक्षेत्र में सिख समाज के लिए घोषित तीन एकड़ जमीन देना शामिल है, को पूरा किया जाये।