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गेहूं की कीमत: आम आदमी की जेब पर बोझ, दशहरा, दिवाली, शादियों में आटा महंगा, जानें वजह

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आटा महंगा होने की आशंका..
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स

विस्तार

देश में कल से नवरात्रि के पर्व के शुरू होने के साथ ही त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाएगी। 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। वहीं माह के आखिरी में दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। इसके बाद से ही शादियों का सीजन भी शुरू हो जाएगा। लेकिन इस त्योहारी सीजन में गेहूं के बढ़ते दाम परेशान कर सकते है।

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दरअसल, देश में सरकारी नियंत्रण के बावजूद गेहूं के दामों में बढ़ोतरी जारी है। सरकार ने अपरोक्ष रूप से गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई हुई है। कारोबारियों को नियमित रूप से सरकार को गेहूं के स्टॉक की जानकारी देनी होती है। बावजूद इसके दो महीनों में गेहूं के दाम 200 रुपये क्विंटल से अधिक बढ़े हैं। दिल्ली की थोक मंडी में गेहूं के दाम 3100 रुपये क्विंटल पार कर गए हैं। ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही है कि गेहूं और आटे से बनने वाले सभी प्रोडक्ट जैसे ब्रेड, मफ़िन, नूडल्स, पास्ता, बिस्किट, केक, कुकीज की कीमतों पर इसका असर दिख सकता है।

अनाज कारोबारियों का कहना है कि, श्राद्ध पक्ष से ही गेहूं के दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही हैं। आने वाले दिनों में यह और तेज होगा। अगर बाजार में गेहूं की आवक नहीं बढ़ी तो दीपावली तक गेहूं के दाम 3500 रुपये क्विंटल के पार कर जाएंगे। हालत ऐसे ही बने रहे तो शादी के सीजन में गेहूं के दाम 4000 रुपये क्विंटल के पार कर जाएंगे,क्योंकि गेहूं की नई आवक आने में अभी समय है।

 

 

कारोबारियों का कहना है कि,गेहूं के दामों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को ओपन मार्केट सेल स्कीम जरिए गेहूं बेचना चाहिए। ओपन मार्केट सेल के जरिए गेहूं एक निश्चित दाम में बाजार में आएगा तो इससे गेहूं के दामों में जारी उछाल में कमी आएगी। अभी नई फसल आने में अभी पूरे 6 महीने हैं। ऐसे में पूरे साल गेहूं के दामों में नियंत्रण के लिए कम से कम 100 लाख टन गेहूं की ओपन मार्केट सेल के जरिए बाजार में उतारने की जरूरत है।

 

सरकार के पास है इतना स्टॉक

 

देश में गेहूं के स्टॉक की बात करे तो 1 अप्रैल को करीब 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं था। जो बफर स्टॉक से थोड़ा सा अधिक था। जबकि इस साल 266 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है। अगर इन्हें जोड़ें तो 340 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक सरकार के पास सरकारी खरीद खत्म होने के बाद था।जबकि सरकारी राशन में वितरण के लिए 185 लाख मीट्रिक टन गेहूं अलग रखा जाना है। इसके बाद सरकार के पास 155 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक अतिरिक्त है।

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