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फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी से बेटी के नाम ट्रांसफर कर बेची करोड़ों की प्रॉपर्टी

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यमुनानगर यमुनानगर में एनआरआई राकेश कपूर की कोठी को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर साढ़े आठ करोड़ रुपए में बेचने के मामले में पकड़ा गया एसडीएम ऑफिस के कर्मचारी राममेहर का बेटा भी ठगी के मामले में पुलिस के अनुसार बड़ा खिलाड़ी है। गलत दस्तावेज के दम पर बिकी कोठी से मिली रकम की बंदरबांट राममेहर के बेटे नितिन पर ही करने का आरोप है। वह भी अपने घर बैठ कर।

जांच अधिकारी सुभाष के अनुसार कोठी के खरीदारों से करोड़ों का कैश लेने के लिए वह अपने पिता के साथ कार से गया था। पूछताछ में पूरी कहानी सुनने के बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने नितिन को कोर्ट में पेश पेश किया, जहां से उसे उसके पिता के पास न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

अधिकारी की भूमिका भी जांची जा रही फर्जीवाड़े में अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है, जब कोठी की रजिस्ट्री की गई तो परमजीत कौर की बेटी मनका कौर की आईडी तो लगाई गई थी, पर उसके स्थान पर फोटो इस्लामुद्दीन की भाभी इमराना ने करवाई थी। पुलिस जांच में साबित हो चुका है कि इसके लिए इमराना को पैसे मिले थे। लेकिन रजिस्ट्री करने वाला अधिकारी मनका कौर बनी इमराना को फोटो आईडी से पहचान ही नहीं पाया। इसके साथ ही कोठी की रजिस्ट्री करते समय प्रोसेस को बाईपास करने का आरोप है।

क्योंकि रजिस्ट्री क्लर्क के हस्ताक्षर नहीं है। सूत्रों का कहना है कि राममेहर के रसूख में अधिकारी ने कागजात क्लर्क को दिखाए ही नहीं थे। वहीं, एसडीएम सोनू राम कह चुके हैं कि उन्होंने कानूनी के हिसाब से पूरी प्रक्रिया के तहत ही रजिस्ट्री की है। मॉडल टाउन में है एनआरआई की कोठी  एनआरआई राकेश कपूर की मॉडल टाउन में कोठी है। इसी कोठी के नगर निगम में दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर उसकी मालकिन दिल्ली की परमजीत कौर को दर्शा गया था। इसके बाद परमजीत कौर ने फर्जी जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर पहले उसे अपनी बेटी के नाम

ट्रांसफर किया और फिर करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए में बेच दिया था। इसका पता जब राकेश कपूर को लगा तो उसने वाशिंगटन दूतावास में मामले की शिकायत की और फिर यहां पहुंच कर एसपी से मिले। इसके तुरंत बांद अगस्त में थाना यमुनानगर शहर में केस दर्ज हुआ। जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई तो इसमें पहली गिरफ्तारी परमजीत कौर की हुई। इसके बाद उर्दू अनुवादक इस्लामुद्दीन पकड़ा गया। फिर इस्लामुद्दीन की भाभी इमराना, भाई रमजान के बाद प्रॉपर्टी डीलर

अश्विनी कुमार व अंत में एसडीएम बिलासपुर कार्यालय में तैनात क्लर्क राममेहर पकड़ा गया। साथ ही फर्जी तस्दीक करने के आरोप में तीन नंबरदारों को भी सलाखों के पीछे भेजा गया है। अब राममेहर के बेटे नितिन का नाम सामने आया, जिसे बुधवार को पकड़ा गया और 24 घंटे का रिमांड लिया गया। आर्थिक अपराध शाखा इंचार्ज सुभाष ने बताया कि पूछताछ में नितिन ने स्वीकार किया कि जब यह प्रॉपर्टी बेची गई तो करोड़ों रुपए नकद लेने के लिए पिता के साथ गाड़ी से वह ही था। पहुंचे, अपने घर लाया और फिर सभी लोग उसके घर बांटे थे।

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