सिरसा। पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा ने एक प्रेस बयान में कहा कि एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलन-2 जारी है। केंद्र सरकार हठधर्मिता छोडक़र किसानों से बातचीत कर उनकी मांगों को तुरंत प्रभाव से पूरा कर अपना वायदा निभाना चाहिए। जारी बयान में डा. इदौरा ने कहा कि खनौरी बार्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण-अनशन को 52 दिन हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी तक कुंभकर्णी नींद से नहीं जाग रही है। खनौरी में 111 किसानों का जत्था कटीली तारें लांघ आमरण अनशन पर बैठ चुका है, यह सरकार के लिए चेतावनी है। धरने पर बैठा किसान अब शहादत देने की बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को मौजूदा हालात को देखते हुए किसानों से वार्ता कर समस्या का समाधान करना चाहिए, लेकिन सरकार इस मामले में चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने में क्या नुकसान है। जब केंद्र उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर सकती है तो किसानों व मजदूरों के कर्ज भी माफ किए जा सकते है। इस आंदोलन को लेकर सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। पूर्व सांसद ने कहा कि जगजीत डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के बावजूद केंद्र की ओर से बातचीत न करने को लेकर किसानों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि किसानों को खुश करने के लिए सरकार ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद करने की अधिसूचना जारी की है, पर सरकार ने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर चुप्पी साधी हुई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार जिन फसलों को एमएसपी पर खरीदने की बात कर रही है, उनमें से अधिकतर फसलें हरियाणा में होती ही नहीं है, सरकार फसलों की संख्या बढ़ाकर वाहवाही लूटने में लगी हुई है। सच तो ये है कि सरकार उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है। देश का जागरूक किसान सरकार की शातिर चालों को समझ चुका है और वह अब चुप नहीं बैठने वाला।