-डॉ कृपाराम पूनिया कृषक व कमेरा समाज के बड़े पैरोकार थे
हरियाणा के पूर्व उद्योग मंत्री डॉ कृपाराम पूनिया 89 साल की आयु में नश्वर दुनिया को छोड़कर चले गए । उनके निधन से राजनीति के साथ-साथ समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। डॉक्टर पूनिया कृषक और कमेरा समाज के एक बहुत बड़े पैरोकार थे।पुनिया का जन्म एक जनवरी 1936 को तत्कालीन रोहतक जिला के साल्हावास गांव में श्री पूर्ण चंद पूनिया के घर हुआ । उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी और रूसी भाषा और भूमि प्रबंधन में डिप्लोमा प्राप्त किया है। उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई भी की।
बेहद संघर्ष के साथ बहुत विकट परिस्थितियों से निकलकर 1964 बैच के आई ए एस अधिकारी बने जो हरियाणा के पहले आई ए एस अधिकारी थे। से पहले उनको 1963 में आई पी एस वर्ग मिला था।उन्होंने विभिन्न विभागों में रहते हुए सीमांत किसानों, गरीबों दलितों के लिए बेहतर कार्यक्रम बनाए और कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की। डॉ के आर पूनिया को हरियाणा में सहकारिता का जनक माना जाता है। जब वे प्रशासनिक अधिकारी के रूप में रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटी थे तो छोटे किसानों के लिए उन्होंने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों का गठन कर गरीब किसानों के लिए ऋण हेतु बैंकों के दरवाजे खोले, जिसके कारण देश की हरित क्रांति में हरियाणा के किसानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉक्टर के आर पूनिया में प्रशासनिक ,राजनेता और सामाजिक संगठक की प्रतिभा थी,जो उन्हें एक महान प्रणेता बनाती हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल डॉक्टर कृपाराम पूनिया को अपने पारिवारिक सदस्यों से भी बढ़कर मान सम्मान और प्यार देते थे। चौधरी देवीलाल उनके प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक सूझबूझ की सोच को देखते हुए हर प्रकार की नीति, योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने में उनका सहयोग लेते थे। चौधरी देवीलाल ने उनके निर्णयों को कभी टाला नहीं जाता था।