इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स में दर्ज हुआ नाम
सिरसा। शहर निवासी व इंजीनियर पियूष शर्मा ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्हें हरियाणा के सबसे युवा साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ का खिताब मिला है, जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स में दर्ज हुआ है। पियूष शर्मा ने अपनी मेहनत, लगन और तकनीकी कुशलता से यह साबित किया है कि उम्र केवल एक संख्या है और किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है। पियूष शर्मा न केवल एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ हैं, बल्कि डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। वे अब तक 500 से अधिक साइबर अपराधों को सफलतापूर्वक हल कर चुके हैं और इसे नि:शुल्क सेवा के रूप में प्रदान किया है। उनकी यह पहल समाज के प्रति उनके समर्पण और जिम्मेदारी को दर्शाती है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को और प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने उत्तरी भारत की पहली हैकथॉन और साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना की है। यह लैब न केवल नवोदित साइबर विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करती है, बल्कि डिजिटल तकनीक और सुरक्षा से जुड़े नए आयामों पर भी काम करती है। पियूष शर्मा ने अपने प्रयासों से हरियाणा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उनकी यह उपलब्धि, खासतौर पर युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो तकनीकी क्षेत्र में अपना करियर बनाने का सपना देखते हैं। पियूष का कहना है कि यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, यह हरियाणा और देश के उन सभी युवाओं का है, जो साइबर सुरक्षा और डिजिटल तकनीक में उत्कृष्टता हासिल करना चाहते हैं। मैं इसे अपने राज्य और सभी डिजिटल उत्साही युवाओं को समर्पित करता हूं। पियूष शर्मा की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि सही दिशा में किए गए प्रयास किसी भी व्यक्ति को बड़े मुकाम तक पहुंचा सकते हैं। इंजीनियर पियूष शर्मा का जीवन उन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो अपनी प्रतिभा और मेहनत से न केवल खुद का, बल्कि अपने राज्य और देश का नाम भी रोशन करना चाहते हैं। उनकी इस सफलता ने सिरसा और हरियाणा को गर्व का अनुभव कराया है।
पियूष शर्मा को मिल चुके हैं कई प्रतिष्ठित सम्मान:
बता दें कि इससे पहले भी पियूष शर्मा को कई सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें 2024 में उन्हें दिल्ली में नैशनल आइकॉन अवार्ड से सम्मानित किया गया, जो सामाजिक कार्य और साइबर सुरक्षा में उनके योगदान को दर्शाता है। इसके अलावा 2022 में उन्हें हरियाणा का साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में राज्य स्तर पर मान्यता मिली, जिससे उनके कार्यों को और बल मिला।