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गांव कालांवाली के कन्या प्राईमरी स्कूल में स्टाफ की कमी से ग्रामीणों में रोष

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कालांवाली : सरकार “बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ” जैसे नारे दिवारों पर लिखा कर नारी शक्ति के उत्थान का ढिंढोरा पीट रही है परंतु वास्तव में धरातल पर कुछ भी नहीं है। प्रदेश के राजकीय स्कूलों में स्टाफ की कमी कारण स्कूल बंद होने के कगार पर हैं। गांव कालांवाली का राजकीय कन्या प्राईमरी स्कूल एक गैस्ट टीचर के सहारे चल रहा है। इस स्कूल में ज्यादातर अनूसूचित जाति की बच्चियां पढ़ती है यहां पहली कक्षा से पांचवीं तक 96 छात्राएं है जिन्हें एकमात्र गैस्ट टीचर पढ़ाती है। ग्राम पंचायत कालांवाली व छात्राओं के अभिवावकों द्वारा कई बार ब्लाक शिक्षा अधिकारी व उच्चाधिकारियों को स्टाफ की कमी वारे अवगत करवाया गया है परन्तु विभाग द्वारा इस स्कूल के स्टाफ की कमी का कोई समाधान नहीं किया। बच्चों के अभिवावकों ने अब अपने बच्चे इस स्कूल से हटाकर अन्य स्कूलों में दाखिल करवाने का मन बना लिया है। अजैब सिंह सरपंच व सदस्य ग्राम पंचायत कालांवाली तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों उपायुक्त महोदय को स्टाफ की कमी सम्बंधी पत्र भेजकर स्टाफ की नियुक्ति करने वारे मांग करते हुए लिखा है कि इस स्कूल में 96 छात्राओं को एक गेस्ट टीचर पढ़ाती है जिससे बच्चियों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है। पांच कक्षाओं को एक गेस्ट टीचर कैसे पढ़ा सकेगी अतः जल्द से जल्द इस स्कूल में मांग अनुसार स्टाफ की कमी पूरी करवाई जाए। उपायुक्त सिरसा को पत्र भेजने वाले अजैब सिंह सरपंच, अमर कुमार मैंबर ब्लाक समिति औढां, सुखविंदर कौर पंच, नवनीत कौर पंच, ज्योति पंच राजबाला पंच, गुरतेज सिंह सोढ़ी, लक्खा सिंह, कृष्ण कुमार, कुलदीप सिंह, अमर सिंह, संदीप कौर आदि ने शिक्षा विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शिक्षा विभाग राजकीय कन्या प्राईमरी स्कूल गांव कालांवाली में स्टाफ की कमी पूरी नहीं करता तो हमें आंदोलन की राह अपनाती पड़ेगी जिसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी।

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