सिरसा। नैशनल मास्टर ट्रेनर प्राथमिक चिकित्सा सबा तरन्नुम ने प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कहा कि देश के सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने बताया कि हजारों व्यक्तियों की जान माल का नुकसान प्राथमिक चिकित्सा के अभाव में पूरे देश में हो जाता है। कुछ राज्यों में प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान विद्यालयों और महाविद्यालय में दिया जाता है, लेकिन अभी देश के काफी राज्यों में इसका ज्ञान अनिवार्य रूप से नहीं दिया जाता। राज्यों की सरकारें सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थान में अनिवार्य विषय के रूप में प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान दिया जाए तो हम मानव जन के जीवन को विभिन्न आपदाओं के समय बचा सकते हैं। किसी भी आपदा बाढ़, भूकंप, भगदड़ या आग जैसी घटनाएं होती है तो सबसे पहले मरीज को प्राथमिक चिकित्सा की सहायता अगर समय पर मिल जाए तो हम काफी हद तक लोगों की जान को बचा सकते हैं। सबा तरन्नुम ने बताया कि भारत सरकार ने सडक़ सुरक्षा संकेत तीन प्रकार के होते हैं, अनिवार्य, सूचनात्मक और चेतावनी संकेत। राष्ट्रीय सुरक्षा नीति फरवरी 2009 में स्थापित की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उद्देश्य लोगों के जीवन की रक्षा करना था। नेशनल मास्टर ट्रेनर सबा तरन्नुम ने लोगों से अपील की ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान अवश्य प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि 80 प्रतिशत से ज्यादा दुर्घटनाएं हमारे घरों में और कार्यस्थल पर ही होती है।