सिरसा। प्रभु रामलाल नर सेवा नारायण सेवा योग ट्रस्ट हुडा सेक्टर-20, पार्ट 3 में शिव रात्रि के महा पर्व पर योग गुरु रघुबीर महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को फरमाया कि भगवान शंकर बड़े दयालु हैं, जो भी उनकी शरण में आते हैं। रघुबीर सत्य कहता हूं मुंहमांगी मुरादें पाते हैं। ईश्वर के दो रूप है, निराकार व साकार। भगवान शिव ईश्वर के आकार रूप हैं। उनकी महिमा अपरम्पार हैं। हर मनुष्य पर तीन प्रकार के ऋण हैं, पित्री ऋण, देवऋण व ऋषिऋण। जो भी भक्त उनकी शरण में आता है, उसे इन तीनों ऋणों से मुक्त कर देते हंै। निर्धन धन को पाता है, पुत्रहीन पुत्र रत्न को प्राप्त होता है। नौकरी की इच्छा रखने वाला नौकरी पाता है। पत्नी चाहने वाले को पत्नी मिलती है। जमीन चाहने वाले को जमीन प्राप्त होती है। ऐसा कोई पदार्थ नहीं जो उनकी शरण में आने वाले को प्राप्त न हो। इसलिए सारे भारत में उनके असंख्य मन्दिर है। कई मन्दिर सिरसा में भी है, जहां आज के दिन लोग एकत्रित होकर मुंह मांगी मुराद पाते हैं। रघुबीर महाराज ने आगे फरमाया कि वे न केवल भक्तों की इच्छाएं पूर्ण करते हैं, बल्कि आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान चाहने वाले को ब्रह्मज्ञान भी देते हैं। इस का आपको दास एक दृष्टांत देता है। प्रभु रामलाल आत्मज्ञान चाहते थे, जोकि पूर्ण ग्रह के बिना संभव नहीं। शंकर भगवान के रूप शिव अवतारी जब प्रभु रामलाल नेपाल में एक वृक्ष के नीचे ध्यान में बैठे थे। वायु मार्ग द्वारा प्रकट होते हैं, वे फरमाते हैं, उठो ब्राह्मण देवता, हम आप को लेने के लिए आए हंै। यह पकड़ो चिमटा और आंखें बन्द कर लो। थोड़ी देर में ही चिमटे की शक्ति से उड़ते हुए हिमालय पर्वत पर पहुंच गये। उन्होंने फरमाया कि छ: महीने में एक बार समाधि से उत्थान में आते हैं, आप अपना ध्यान समाधि में अभ्यास करना।
प्रभु रामलाल शिव अवतारी से ज्ञान लेकर कुम्भ के मेले में वायु मार्ग द्वारा हरिद्वार पहुंचे हैं। तब से अबतक प्रभु रामलाल का यह मिशन संस्कारी आत्माओं का कल्याण कर रहा है। ऐसे महान दयालु भोलेनाथ को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम। इस मौके पर शक्ति चावला, यश चावला योगाचार्य, विजय सेठी, संदीप चानना, अरुण चौधरी, लक्ष्य, अयान, संगीता, किरण, रशमी, गोरी, अंकिता, अन्जू, रजनी, आरशिया आदि भक्त मौजूद थे।