Home » देश » गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए बनछटियों के ढेर को झाडक़र टिंडे को करें नष्टï : डीडीए डा. सुखदेव सिंह

गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए बनछटियों के ढेर को झाडक़र टिंडे को करें नष्टï : डीडीए डा. सुखदेव सिंह

Facebook
Twitter
WhatsApp
72 Views

 70 से 80 प्रतिषत गुलाबी सुण्डी नियंत्रण में होगी और कपास की पैदावार अच्छी होगी।

कृषि एंव किसान कल्याण विभाग द्वारा जिला में कपास उत्पादक क्षेत्र को बढ़ावा देने व गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इसी कड़ी में सोमवार को गांव फुलकां में सडक़ किनारे, खेतों व गांव की फिरणी के आस-पास लगे बनछटियों के ढेर को झाडक़र उनसे निकले अवशेष टिंडे इत्यादि को जमीन में दबाया गया ताकि गुलाबी सुंडी के लारवा, प्यूपा नष्ट हो सके।
कृषि उपनिदेशक डा. सुखदेव सिंह ने बताया कि गुलाबी सुंडी जोकि कपास का एक मुख्य कीट है तथा यह कपास की बनछटियों में मौजूद टिंडों व कपास में अपना जीवन व्यतीत करती है। यह सुंडी इन टिंडों व कपास में 120-125 दिन तक मौजूद रह सकती है व जैसे ही अनुकूल मौसम मिलता है तो उसी समय प्यूपा में तबदील हो जाती है। उन्होंने बताया कि कुछ समय बाद तीतली बनकर अंडे देना शुरू कर देती है। इस अभियान से जानकारी लेकर किसानों ने आश्वासन दिया कि बनछटियों के ढेर को झडक़ा कर बचे हुए अवशेष को नष्ट करके गुलाबी सुंडी का खात्मा करेंगे।
केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डा. अमरप्रीत सिंह ने भी किसानों को गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए तकनीकी जानकारी दी गई और अपील की कि प्रत्येक कपास उत्पादक किसान अपने खेतों में पड़ी बनछटियों को झाडक़र अन्य स्थान पर रखें, जिससे 70 से 80 प्रतिषत गुलाबी सुण्डी नियंत्रण में होगी और कपास की पैदावार अच्छी होगी।
इस मौके पर खंड कृषि अधिकारी रमेश कुमार तकनीकी सहायक, तकनीकी सहायक दिनेश कुमार व किसान रामस्वरूप, रामकिशन, रविन्द्र कुलहड़ीया, भीम सिंह, दौलत कुमार, रविन्द्र कुमार इत्यादि काफी संख्या में किसान मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप स्टोरी

पंचांग

Gold & Silver Price

Popular Metal Prices