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दिव्यांगजन उपकरण वितरण समारोह का आयोजन

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लाभार्थियों को लगभग 46 लाख रुपये के 210 सहायक यंत्र व उपकरण वितरित
दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उनके कल्याण और पुनर्वास के लिए अनेकों कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा के मल्टीपर्पज हाल में बुधवार को दिव्यांगजन उपकरण वितरण समारोह का आयोजन किया किया। इस समारोह के नगराधीश यश मलिक ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर बैनीवाल ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अधीन कार्यरत भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) एवं जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (जी.आई.सी.) की सहभागिता से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
इस कार्यक्रम में 157 दिव्यांगजनों को जीआईसी के सीएसआर योजना के तहत लाभान्वित किया गया। लाभार्थियों को 45 लाख 96 हजार रुपये की लागत के 210 सहायक यंत्र व उपकरण वितरित किए गए। दिव्यांगजनों को एलिम्को द्वारा निर्मित विभिन्न श्रेणी की दिव्यांगता के सहायक यंत्र व उपकरण प्रदान किए गए। उन्होंने बताया कि आज 79 बैटरी वाली तिपहिया साइकिल, 33 व्हीलचेयर, 32 तिपहिया साइकिल, एक सुगमया केन, 38 बैसाखी, सात छड़ी, दो रोलेटर, आठ श्रवण यंत्र और दस कृत्रिम अंग एवं कैलिपर्स शामिल है। समारोह में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) एवं जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन : 01 से 04
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जीएसटी एमनेस्टी योजना का उठाएं लाभ
केन्द्र सरकार द्वारा पात्र करदाताओं को बकाया कर पर ब्याज एवं जुर्माने में राहत देने के लिए जीएसटी एमनेस्टी योजना लांच की गई है। इस योजना को हरियाणा सरकार द्वारा भी लागू किया गया है।
उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (बिक्री कर) आलोक पाशी ने बताया कि यह योजना उन करदाताओं के लिए लागू होगी जिन पर वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-2020 के दौरान हरियाणा जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 73 के तहत बकाया देनदारी है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पात्र करदाताओं को बकाया कर पर ब्याज एवं जुर्माने में राहत दी जाएगी, जिससे उनकी कुल कर देयता में कमी आएगी। करदाताओं को केवल बकाया कर का भुगतान करना होगा तथा ब्याज और जुर्माने की माफी के लिए उन्हें जीएसटी पोर्टल पर आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। इसलिए सभी पात्र करदाता समय रहते इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी बकाया कर देनदारी का निपटान करें।
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शहीद स्मारक का लोगो बनाएं, एक लाख का पुरस्कार पाएं
आजादी की पहली लड़ाई 1857 की क्रांति में अपनी वीरता दिखाने वाले एवं शहीद हुए वीरों की याद में हरियाणा सरकार द्वारा अंबाला कैंट के नजदीक अंबाला-नई दिल्ली नेशनल हाईवे- 44 पर 22 एकड़ में शहीद स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से इस शहीद स्मारक के लिए प्रतीक चिन्ह (लोगो) तैयार करने के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं। प्रतीक चिन्ह (लोगो) के चयन उपरांत प्रतिभागी को एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा तथा संवाद सोसायटी के अधिकारियों और कर्मचारियों को छोडकऱ अन्य इच्छुक व्यक्ति अपनी प्रविष्टि एक अप्रैल 2025 को शाम पांच बजे तक एससीओ नं. 200-201, सेक्टर 17-सी, चंडीगढ़ में भेज सकते हैं। प्रतिभागी को अपनी प्रविष्टि व प्रतीक चिन्ह ई-मेल  directorshaheedsamarak@gmail.com पर भी भेजनी होगी।
ये रहेंगी नियम एवं शर्तें
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी रामनाथ ने बताया कि प्रविष्टि 1857 की क्रांति (भारत की आजादी की पहली लड़ाई) की थीम पर ही आधारित होनी चाहिए। प्रतीक चिन्ह में ग्राफिक एलिमेंट, आइकॉन, शेप, कलर, बैकग्राउंड, फॉन्ट ले-आउट आदि रहने चाहिए। प्रतीक चिन्ह ऐसा हो जो स्मारक की पहचान दर्शाता हो और प्रेरणादायक होना चाहिए। प्रतीक चिन्ह क्लासिक, विंटेज व मॉडर्न किसी भी प्रकार का बनाया जा सकता है। प्रतीक चिन्ह में मोनोग्राम, वर्ड माक्र्स, हिस्टोरिक्ल माक्र्स, एबस्ट्रेक्ट माक्र्स भी हो सकते हैं, किन्तु यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रतीक चिन्ह सिंपल, मेमोरेबल, रिलेवेंट, टाइमलेस और वर्सेटाइल हो।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रतिभागी प्रतीक चिन्ह के ऊपर कोई वाटरमार्क नहीं डालेंगे, यानि प्रतीक चिन्ह के ऊपर कुछ नहीं लिखेंगे। कोई भी प्रतीक चिन्ह कॉपीराइट नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रतीक चिन्ह (लोगो) का साइज 12’’&15’’ होना चाहिए। भेजे जाने वाले प्रतीक चिन्ह का पूर्व में प्रकाशन व प्रदर्शन न हुआ हो। प्रत्येक प्रतीक चिन्ह जेपीजी-जेपीईजी फॉर्मेट में अपलोड किया जाए और साइज 10 एमबी से अधिक नहीं होना चाहिए। प्रविष्टि अथवा प्रतीक चिन्ह में कोई भी व्यावसायिक सामग्री नहीं होनी चाहिए जो किसी भी उत्पाद या सेवा को बढ़ावा दे।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि आवश्यकता पडऩे पर बिना पूर्व सूचना के प्रतीक चिन्ह संबंधी पुरस्कार में परिवर्तन और नियमों/अधिनियमों में संशोधन करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा। प्रतीक चिन्ह का चयन कमेटी द्वारा किया जाएगा और कमेटी का निर्णय अंतिम होगा।
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अब 27 तक होगा फसल पंजीकरण
जिला के जिन किसानों ने अभी तक मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल पंजीकरण नहीं करवाया है, वे किसान 27 मार्च तक रबी फसलों का पंजीकरण करवा सकते हैं।
कृषि उप निदेशक डा. सुखदेव सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने अब तक फसल पंजीकरण नहीं करवाया था, वे 27 मार्च तक अब पोर्टल दोबारा खुलने के बाद पंजीकरण करवा सकते हैं। उन्होने बताया कि विभाग द्वारा किसान कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी फसल पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके अलावा निकट भविष्य में यूरिया, डीएपी आदि की उपलब्धता के लिए भी मेरी फसल मेरा-ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण की आवश्यकता संभावित है। यही नहीं केवल पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की ही रबी फसलों को प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी। ऐसे में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए फसल पंजीकरण जरूरी है।
उन्होंने बताया कि फसलों का पंजीकरण करवाने के लिए संबंधित किसान के पास पीपीपी आईडी या आधार कार्ड होना अनिवार्य है। इस बारे अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 या संबंधित खंड कृषि कार्यालय पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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