सिरसा। श्री बांके बिहारी की असीम कृपा से व योगाचार्य पंडित सीताराम के आशीर्वाद से धर्मनगरी सिरसा के प्राचीन श्री बंशीवट मंदिर के प्रांगण में आयोजित नानीबाई का मायरा कथा के प्रथम दिन कथा व्यास आचार्य पंडित सुगन शर्मा ने भगवान के परम भगत नरसी के बाल्यकाल का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कैसे नरसी की दादी, जिन्हें डोकरी कहा जाता था, ने बाल्यकाल से ही नरसी को भगवान की पूजा, संतों के प्रवचन सुनने में रूचि रखने की शिक्षा दी। कथाव्यास ने संतों की संगत व भगवान के भजन की महिमा बताई और कहा कि जो बाल्यकाल में हरि भजन करता है, उसे भगवान की प्राप्ति इसी जन्म में होती है, जो जवानी में हरि भजन करता है, उसका बुढ़ापा सुधर जाता है और जो बुढ़ापे में हरि को सुमिरता है उसका अगला जन्म सुधर जाता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके हरि भजन में लगना चाहिए। संतों की कृपा हुई तो गूंगे बहरे नरसी भगत भी बोलने व सुनने लगे और भगवान के भजन में ऐसे लगे कि भगवान स्वयं प्रकट हुए। कथाव्यास ने बहुत ही सुन्दर सुन्दर भजनों के माध्यम से नरसी का चरित्र गान किया। उपस्थित सभी हरि भगतों ने खूब आनंद उठाया। प्रधान इंद्र कुमार चिड़ावावाले ने बताया कि कथा 6 अप्रैल रविवार तक रोजाना सांय 3 बजे से 6 बजे तक होगी। इस मौके पर व्यापार मंडल प्रधान हीरालाल शर्मा, हरियाणा कांग्रेस प्रतिनिधि राजकुमार शर्मा, उपप्रधान सुनील कुमार गोयल, संजय कुमार तायल, रामकुमार जैन, राजेंद्र जिंदल, संजय गोयल, संदीप सोनी, दीपक शर्मा, मुनीष शर्मा, तरूण, अनिल शर्मा, राधेश्याम बांसल, दयानंद वर्मा, अश्विनी श्री राम गोटा वाले, कमल सिंगला, तरूण बगडिय़ा सहित अन्य श्रद्धालुगण उपस्थित थे।