सिरसा: 25 अप्रैल:
अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) सिरसा और पंजाबी लेखक सभा, सिरसा ने पहलगाम में पर्यटकों पर किए गए निर्मम, नृशंस एवं बर्बर आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसके विरुद्ध गहरे रोष का इज़हार किया है और पीड़ित पक्ष के प्रति गहन संवेदनाएँ व हार्दिक सहानुभूति अभिव्यक्त की है। प्रलेस के राष्ट्रीय अध्यक्षमंडल के सदस्य कॉ. स्वर्ण सिंह विर्क, राष्ट्रीय सचिवमंडल के सदस्य एवं हरियाणा प्रलेस के महासचिव डॉ. हरविंदर सिंह सिरसा, प्रलेस सिरसा के अध्यक्ष डॉ. गुरप्रीत सिंह सिंधरा, सचिव डॉ. शेर चंद, पंजाबी लेखक सभा, सिरसा के अध्यक्ष परमानंद शास्त्री व सचिव सुरजीत सिंह सिरड़ी ने जम्मू एवं कश्मीर राज्य सरकार व केंद्र सरकार से बिना देरी पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य सेवाएँ एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य एवं केंद्र सरकारों को अपनी ज़िम्मेवारी का निर्वहन करते हुए इस घटना के लिए उत्तरदायी पक्षों की निशानदेही करनी चाहिए ताकि इनकी पुनरावृत्ति को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को धर्म-विशेष के साथ जोड़कर देखा जाना वास्तविकता की अनदेखी होगी। इस घटना के उपरान्त कश्मीर की अवाम ने कश्मीरियत और इंसानियत का जो जज़्बा दिखाया है उसे रेखांकित किया जाना अनिवार्य है। प्रलेस व पंजाबी लेखक सभा के पदाधिकारियों ने कहा है कि ऐसे आतंकी और अमानवीय कुकृत्त्यों के ख़िलाफ़ मुल्क़ की अवाम जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा के किसी भी फ़र्क़ से ऊपर उठकर एकजुट है और वो उन ताक़तों को बखूबी पहचानती है जो ऐसे संवेदनशील समय में भी तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए इस अमानवीय घटना को सांप्रदायिकता का जामा पहनाना चाहते हैं। प्रलेस व पंजाबी लेखक सभा ने मुल्क़ की आम अवाम व समवैचारिक संगठनों से आह्वान किया है कि वह मुल्क़ के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बनाये रखने हेतु एकजुट होकर अपनी आवाज़ बुलंद करें ताकि सांप्रदायिक, विभाजनकारी, अमानवीय और आतंकी ताक़तों के नापाक मनसूबों को नाकाम करते हुए आमजन को लामबद्ध किया जा सके।