सिरसा। पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा निकाली जा रही साइक्लोथॉन को कघटरे में खड़ा करते हुए कहा कि नशे के प्रति जागरूक करना अच्छी बात है, लेकिन मुख्यमंत्री नशे की रोकथाम का दिखावा न करके मुख्यमंत्री के रूप में बढिय़ा काम करे। जारी बयान में डा. इंदौरा ने कहा कि साइक्लोथॉन से नशा रूकने वाला नहीं है। अफसरशाही सरकार पर हावी है और जब तक सरकार द्वारा अफसरों पर नकेल नहीं कसी जाएगी, नशे का कारोबार यूं लगातार जारी रहेगा। पूर्व सांसद ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा जिले के अनेक गांवों को नशामुक्त घोषित कर वाहवाही बटोरने का काम किया गया, लेकिन क्या सरकार ने उन अधिकारियों से ये पूछा कि उन्होंने किस आधार पर इन गांवों को नशामुक्त घोषित किया है। नशामुक्त गांव घोषित करने के लिए अधिकारियों ने क्या नियम तय किए। क्या धरातल पर अधिकारियों ने जाकर ये जानने की कोशिश की कि नशे का व्यापार गांवों में हो कहां से रहा है? ये तमाम सवाल ऐसे हंै, जोकि अधिकारियों के साथ-साथ सरकार की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हंै। बड़ी बात ये है कि पुलिस प्रशासन द्वारा जिन गांवों को नशामुक्त घोषित किया गया है, उनमें युवा नशे के कारण मौत के मुंह में जा रहे हंै। उन्होंने कहा कि अधिकारी अगर धरातल पर काम करते तो आज नशे के कारण ये हालात पैदा नहीं होते। रोजाना यूथ की नशे के कारण मौत हो रही है, लेकिन सरकार बजाय नशे को रोकने के साइक्लोथॉन के नाम पर जनता के पैसे व समय की बर्बादी कर रही है। पूर्व सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां भी जाते हंै, वहां बीजेपी के नेताओं से कम और चर्चा में बने रहने के लिए दूसरी पार्टी के नेताओं से अधिक मिलते हंै और ये नए विवाद को जन्म देते हंै, जिससे ये स्पष्ट नजर आ रहा है कि मुख्यमंत्री कुछेक स्थानीय नेताओं की बंदिश में है और आम जनता इस असमंजस में है कि वो अपना काम करवाने के लिए जाएं तो जाएं कहां। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चर्चा में रहने की जद को छोडक़र प्रदेश के यूथ को बचाने के लिए बढिय़ा काम करे, ताकि किसी का बेटा, किसी का भाई अपने साथ-साथ अपने परिवार को नशे से बचाकर देश व प्रदेश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे सके।