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गरीब की रसोई में सरसों का तेल को लेकर गुमराह कर रही है भाजपा सरकार:

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अधिकारी बोले: दो लीटर तेल के देने होंगे सौ रुपये, मंत्री ने कहा-एक लीटर 30 में तो दो लीटर सौ में                                        चंडीगढ़, 20 जुलाई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने बीपीएल परिवारों का मजाक बनाकर रख दिया है, जबरन आय बढ़ाकर खुद ही बीपीएल कार्ड काट दिए जाते है या इस कार्ड पर मिलने वाली सुविधाओं में या तो कटौती कर दी जाती है या उनके रेट बढ़ा दिए जाते है। बीपीएल कार्ड पर मिलने वाले सरसों के तेल के दाम को लेकर सरकार जनता को गुमराह कर रही है। अधिकारी सभी जिला खाघ एवं आपूर्ति नियंत्रकों को पत्र लिखकर निर्देश देते है कि इस कार्ड पर अब दो लीटर सरसों तेल के दाम सौ रुपये ही वसूली जाएंगे जबकि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री कहते है कि अगर एक लीटर सरसों के तेल लोगे तो 30 रुपये दो लीटर के सौ रुपये ही लिये जाएंगे यानि 30 रुपये में एक लीटर तेल लेने वाले को एक लीटर तेल छोड़ना ही होगा। ऐसा कर सरकार गरीब परिवारों के साथ मजाक कर रही है। जिसे कांग्रेस कदापि सहन नहीं करेगी।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि जब चुनाव आते है तो प्रदेश में बीपीएल परिवारों की संख्या एक दम बढ़ जाती है तब हरियाणा की 70 प्रतिशत आबादी गरीब बन जाती है और चुनाव खत्म होने के बाद बीपीएल कार्ड धारकों पर चाबुक शुरू हो जाती है। फिर आय अधिक बताकर कार्ड काटने शुरू किए जाते है और काटा-छांटी में वे लोग भी चपेट में आ जाते है जो वाकई गरीब है और उन्हें वे बीपीएल परिवार को मिलने वाली सुविधा के हकदार है। इतना ही नहीं कभी कभी राशन कार्ड पर मिलने वाली वस्तुओं में कटौती कर दी जाती है। इस कार्ड पर मिलने वाले सरसों तेल को लेकर सरकार गरीबों के साथ मजाक करने में लगी हुई है।  हरियाणा सरकार ने एक बार फिर गरीब विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है। हाल ही में जारी एक आधिकारिक पत्र (पृष्ठांक एफएसओ-1-119बी/2025/9836 दिनांक 01.07.2025) से यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य सरकार ने पी.डी.एस. के माध्यम से वितरित किए जाने वाले फोर्टिफाइड सरसों के तेल की कीमत 100 रुपये प्रति दो लीटर निर्धारित कर दी है। संयुक्त निदेशक पीडीएस ने सभी जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए है। इस निर्णय से यह सिद्ध होता है कि सरकार ने पहले किए गए वादों के विपरीत जाकर गरीब जनता की थाली से सरसों का तेल भी छीन लिया है। पहले यह तेल निशुल्क या बहुत कम दरों पर उपलब्ध कराया जाता था, जिससे लाखों बीपीएल परिवारों को राहत मिलती थी। अब सरकार की नई नीति के अनुसार, जुलाई 2025 से प्रत्येक लाभार्थी को 02 लीटर सरसों का तेल 100 रुपये में मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भारी बोझ है।          सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि उधर प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर ने स्पष्ट किया है कि सरकार अपने फैसले पर कायम है। अगर कोई बीपीएल परिवार महीने में केवल एक लीटर तेल लेना चाहता है, तो उसे 30 रुपए ही चुकाने होंगे, लेकिन दो लीटर लेने पर 100 रुपए देना अनिवार्य होगा। इसका मतलब है कि सरकार ने तेल की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, बल्कि खपत को सीमित करने पर आंशिक राहत दी है। कुमारी सैलजा ने कहा है कि कांग्रेस यह स्पष्ट करना चाहती है कि यह निर्णय अमानवीय है और इससे करोड़ों जरूरतमंद परिवारों की रसोई पर सीधा असर पड़ेगा। सरसों का तेल दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं में से एक है और इसकी कीमत में यह बढ़ोतरी सीधे गरीब की थाली पर हमला है। कांग्रेस इस जनविरोधी फैसले का सशक्त विरोध करेगी और विधानसभा से लेकर सड़क तक गरीबों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। सरकार को यह फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए और पूर्ववत लाभ की व्यवस्था बहाल करनी चाहिए।

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