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बाढ़ पीड़ित परिवारों को तुरंत राहत, पुनर्वास सहायता आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी: कुमारी सैलजा

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बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं, आपदा से निपटने के लिए शासन और प्रशासन को रहना चाहिए तैयार

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को हिसार जिला के कई बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते हुए कहा कि प्रशासन को हर समय आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहना चाहिए। अभी बाढ़ का खतरा टला नहीं है। साथ ही सांसद ने कहा कि सरकार बाढ़-प्रभावित इलाकों का सर्वे कराए, किसानों और आम लोगों को उचित मुआवजा दे तथा भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए स्थायी समाधान तैयार करे। सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को हिसार जिला के बाढ़ प्रभावित गांव भाटला, गांव चानोत, गांव लितानी औैर गांव बिठमड़ा का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया साथ ही ग्रामीणों से अब तक हालात को लेकर बातचीत की।

 

सांसद ने कहा कि ग्रामीण ही रेत के बैग लगाकर गांव को बचाने में लगे हुए है जबकि इस कार्य प्रशासन को करना चाहिए था, प्रशासन के पास मशीनरी भी है और बचाव कार्य जल्द किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि जलस्तर कम हो गया तो हाथ पर हाथ रखकर बैठा जाए खतरा अभी टला नहीं है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात से अभी भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। सब कुछ गांव वालों पर छोड़कर प्रशासन को आगे आना चाहिए, जान माल की सुरक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। शासन और प्रशासन को आपदा के लिए तैयार रहना चाहिए था, मानसून से पहले जो तैयारियों होती है वह केवल कागजों तक सीमित रही, अगर नदी, नालों और नहरों की समय पर सफाई की गई होती तो हालात इतने खराब न होने, विपक्ष तो बहुत पहले से सरकार से अनुरोध कर रहा था कि नहरों, नदी और नालों की सफाई पर जोर दिया जाए।

 

सांसद कुमारी सैलजा ने जोर देकर कहा कि एक ठोस कार्य-योजना तैयार होनी चाहिए जिसमें यह स्पष्ट हो कि कितनी मात्रा में पानी आ रहा है और उसी के अनुसार समयबद्ध कार्रवाई की जाए ताकि लोगों को कम से कम नुकसान हो। प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को अब जागना होगा और तुरंत राहत कार्यों को गति देनी होगी। जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए शीघ्र मुआवजा दिया जाए। सैलजा ने कहा कि खेत-खलिहान, मकानों और पशुधन को भारी नुकसान हुआ है, ऐसे में प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत राशि, पुनर्वास सहायता और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार बाढ़-प्रभावित इलाकों का सर्वे कराए, किसानों और आम लोगों को उचित मुआवजा दे तथा भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए स्थायी समाधान तैयार करे। इसके बाद सांसद कुमारी सैलजा फतेहाबाद जिला के गांव दहमान, गोरखपुर, खाराखेड़ी, चिन्दड, खाबड़ा, रामसरा, गांव जांडवाला बागड़ में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने जाएंगी।

 

गौरतलब हो कि हिसार में बारिश के कारण सभी ड्रेनेज खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आठ ड्रेन हिसार में टूट चुकी हैं। इनमें कैमरी गांव ड्रेन, बालसमंद की बासड़ा, गांव घिराय स्थित ड्रेन, टोकस-पातन, मात्रश्याम, दौलतपुर, न्योली कलां, शाहपुर और लुदास ड्रेन शामिल हैं। हिसार के 307 गांवों में से 180 गांवों में पानी भरा। 100 से अधिक परिवारों को ऊंचे स्थानों पर पलायन करना पड़ा। 81 गांवों में करीब 65 हजार एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। हिसार में 10 से अधिक घर गिरे हैं। 05 लोगों की मौत बारिश से जुड़े कारण से हुई।

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