सिरसा। बिश्नोई सभा, सिरसा के 51वें स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर परिसर में चल रही जाम्भाणी हरिकथा के द्वितिय दिन कथा वाचक जाम्भाणी प्रचारक संत संदीप ने बताया कि अपना जीवन पूर्णरूपेण परमात्मा को समर्पित मनुष्य पर ईश्वर की अति विशिष्ट कृपा बनी रहती है। उन्होंने भगत रतना राहड़ की जीवनी का प्रसंग लेते हुए कहा कि रतना राहड़ का संतों/महात्माओं के प्रति कितना आदर भाव था तथा ससुराल पक्ष द्वारा सन्त का अनादर करने पर उन्होंने विशेष नाराजगी व्यक्त की। तत्पश्चात अपने घर-परिवार जनों द्वारा तिरस्कारित किये जाने पर वो गुरु जाम्भोजी महाराज की शरण में आये तथा गुरू महाराज उनके इस भक्ति भाव व जीव रक्षा संकल्प से अति प्रसन्न हुए तथा फलस्वरूप रतना का जीवन आनन्दमय हो गया। कथा व प्रवचनों के साथ-साथ गायक कलाकार राकेश गुज्जर, सुरेश द्वारा तथा संगीत मण्डली ने मधुर सांखी भजनों के माध्यम से श्रोताओं को भाव-विभोर किया। आज की कथा में सभी पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यों के अतिरिक्त उपस्थित जनों में सेवक दल से द्वारा सिंह कड़वासरा, हंसराज मांझू, राम चन्द्र बैनीवाल, जगदीश बैनीवाल, सुरेश सहारण, सोमवती देवी कस्वां, इन्द्रजीत जोधकरण, देश कमल बिश्नोई, राजेन्द्र पूनिया, जगदीश कस्वां, प्यारे लाल बैनीवाल, रिघपाल बैनीवाल, मान सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। बारिश व बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के परिणाम स्वरूप स्कूलों में छुट्टी होने के कारण श्रोताओं में शहर तथा नजदीक व दूर के गांवों, ढाणियों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुषों के साथ-साथ बच्चे, विद्यार्थी भी काफी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने श्रद्धा भाव से कथा-प्रवचनों का श्रवण किया। प्रसाद वितरण के साथ कथा को विश्राम दिया गया।