– किसानों को बर्बाद फसलों के लिए प्रति एकड़ एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाए : विधायक चंद्रप्रकाश
– विधायक चंद्रप्रकाश ने जलभराव से प्रभावित दर्जनों गांवों का किया दौरा, सरकारी प्रयासों पर जताया असंतोष
– विधायक चंद्रप्रकाश ने कहा, किसानों व ग्रामवासियों के लिए युद्ध स्तर पर होने चाहिए राहत कार्य
हिसार/मंडी आदमपुर : विधायक चंद्रप्रकाश ने आदमपुर व नलवा हलके एवं हिसार शहर के आसपास के दर्जनों गांवों का दौरा करके जलभराव की स्थिति का अवलोकन किया। उन्होंने आर्यनगर, हिंदवान, रावलवास खुर्द, पनिहार, सरसाना, खारिया, टोकस, पातन, किरतान व मात्रश्याम सहित बहुत से गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। चंद्रप्रकाश ने कहा कि आदमपुर व नलवा विधानसभा क्षेत्र के बहुत से गांवों में हजारों एकड़ खेती भारी बारिश व जलभराव की भेंट चढ़ चुकी है। बहुत से गांवों में पानी भरने के कारण मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लोगों को अपने घर छोडक़र दूसरी जगह शरण लेनी पड़ रही है। दुधारू पशुओं की हालत भी खस्ता है।
चंद्रप्रकाश ने कहा कि बहुत से गांवों में गलियां, स्कूल, बिजली व पेयजल सप्लाई केंद्र भी पानी से अटे हैं। ऐसी विकट स्थिति में सरकार को जलभराव से प्रभावित गांवों को राहत के लिए ग्राम पंचायत को 50 लाख रुपये प्रदान करने चाहिए। इसके साथ ही किसानों को भी प्रति एकड़ एक लाख रुपये मुआवजा तुरंत प्रभाव से जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खड़ी फसल तो बर्बाद हो ही चुकी है, अब आगामी फसल के लिए बुवाई भी संभव नहीं है। इसलिए किसानों की तुरंत सहायता करना नितांत आवश्यक है।
विधायक चंद्रप्रकाश ने कहा कि हिसार-घग्घर मल्टीपर्पज ड्रेन के आसपास काफी गांव बसे हैं। ड्रेन के तटबंध टूटने पर ग्रामवासी मिलकर अपनी ट्रैक्टर-ट्राली से अपने खर्चे पर ड्रेन को ठीक करने के लिए जुटते हैं। इतना ही नहीं हर रोज किसान अपने खर्चे पर डीजल खरीदकर मोटर के माध्यम से जल निकासी में जुटे हैं। खेती बर्बाद होने से जो किसान पहले ही सडक़ पर आ चुके हैं, वे कैसे हर रोज डीजल का खर्चा उठा सकते हैं। इस संदर्भ में सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास डीजल की व्यवस्था करने का कोई प्रावधान नहीं है।
विधायक ने बताया कि कोहली, खैरमपुर, सीसवाल, सारंगपुर, खासा महाजन, चुली कलां, चुली बांगडिय़ान, चुली खुर्द व दड़ौली सहित बहुत से गांवों की हालत जलभराव के कारण बहुत खराब है। इसलिए ग्रामवासियों के लिए राहत कार्य युद्ध स्तर पर होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग ने जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए। अब समस्या के विकराल रूप धारण करने के बाद भी सिंचाई विभाग निष्क्रिय है। इसलिए सरकार व प्रशासन से अपील है कि इस दिशा में गंभीर कदम उठाते हुए किसानों व ग्रामीणों को राहत प्रदान की जाए।