सिरसा। उप तहसील गोरीवाला में देश की बात फाउंडेशन की तरफ से लोकतंत्र और चुनाव प्रणाली को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें हरियाणा स्टेट कोर्डिनेटर मुख्य अतिथि सरोज मानव ने भारत में लोकतांत्रिक और चुनाव प्रणाली के बारे में युवाओं को विस्तार समझाया। सरोज मानव ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था है और लोकतंत्र में चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्था है, जो संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्वतंत्रए निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने का दायित्व निभाती है। विशेष गहन पुनर निरीक्षण की एक गहन समीक्षा प्रक्रिया है जो डुप्लीकेट, मृत या अयोग्य नामों को हटाने तथा नए पात्र मतदाताओं को जोडऩे के उद्देश्य से की जाती है। यह प्रक्रिया प्रतिनिधित्व ऑफ द पीपल एक्ट, 1950, 1950 और रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल 1960 के तहत संचालित होती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को किसी भी राजनीतिक पार्टी, संघ या सरकार के दबाव में काम नहीं करना चाहिए। लेकिन वर्तमान में चुनाव आयोग पर चुनाव प्रणाली को लेकर उंगलियां उठ रही हैं। चुनाव आयोग अपना स्पष्टीकरण भी देता है, लेकिन आरोप और स्पष्टीकरण में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय और भारत की जनता अपने अनुभव से जान ही जाएगी। अब तक के चुनाव आयोग के कार्यकाल में सबसे अच्छा और सुधारात्मक कार्यकाल टीएन सेशन का रहा है। चुनाव आयोग के वर्तमान में कौन चुनाव आयुक्त है शायद कोई-कोई ही जानता होगा, लेकिन टीएन सेशन का नाम हर आदमी के मानसिक पटल पर छाया हुआ है। वर्तमान में सर यानि विशेष गहन पुननिरिक्षण पर विवाद बढ़ रहा है। जिसमें कि फर्जी वोटरों पर ज्यादातर शिकायतें आ रही है। उन्होंने कहा कि इन सभी बातों की गहनता से जानकारी भारत के प्रत्येक नागरिक को होनी चाहिए। तभी हमारा लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफल हो सकती है। हमें राजतंत्र वाली आदतों को छोडक़र लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास करना चाहिए। अगर हम अपनी राजतंत्र वाली सोच को नहीं बदलेंगे तो राजनीतिक पार्टी भी अपने आपको राजशाही पार्टी समझने लगेगी और भारत की जनता का हाल ुरानी राजशाही व्यवस्था जैसा करेगी और जनता अंधभक्ति में भी शोषण करने वालों की ही जय जयकार करेगी।
पढ़ें लिखे होने से गुणे आदमी यानि तर्कसंगत आदमी ज्यादा समझदार और सूझवान होता है। अंधभक्ति गुलामी से ज्यादा कुछ नहीं। इस बात को तर्क सहित हमें समझना होगा। इस मुहिम में साकारात्मक राष्ट्रवाद के लक्ष्य को लेकर देश की बात फाउंडेशन जनता के बीच में जा रहा है। सरोज मानव ने बताया कि देश की बात फाउंडेशन का उद्देश्य लोगों में धर्म, क्षेत्र, जातिय इष्र्या और वेरभाव को दूर कर सबसे पहले साकारात्मक सोच के साथ राष्ट्र की उन्नति के लिए सबको आपसी सहयोग से काम करना चाहिए। इस मौके पर रिछपाल मानव ने कहा कि हमें अपने देश के शहीदों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए एक देश एक सोच, मानव मानव एक समान की सोच को अपनाना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ममता सहारण ने भी देश के लिए हर युवा को साकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिए।