Home » देश » मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म – बाढ़ पीड़ितों संग खड़े संत बिरेंद्र सिंह”

मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म – बाढ़ पीड़ितों संग खड़े संत बिरेंद्र सिंह”

Facebook
Twitter
WhatsApp
16 Views

पिछले 20 दिनों से डेरा जगमालवाली के संत पूजनीय बिरेंद्र सिंह जी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं। जहां-जहां पानी और तबाही ने कहर बरपाया, वहां-वहां संत जी स्वयं पहुंचकर लोगों को मानसिक संबल और राहत सामग्री प्रदान कर रहे हैं।

डेरा जगमालवाली के सेवादार दिन-रात राहत कार्यों में सक्रिय है। सेवादार हर गांव और हर घर जाकर ज़रूरतमंद परिवारों की मदद कर रहे हैं । ज़रूरी सामान बांटने के साथ-साथ लोगांे का मनोबल भी मज़बूत किया जा रहा है। संत बिरेंद्र सिंह जी स्वयं सेवादारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर गांव-गांव का दौरा कर रहे हैं।

लाधूका मंडी, करनी खेड़ा, फ़ाज़िल्का, हडिवाला और तरोबड़ी जैसे कई प्रभावित गांवों में जाकर संत जी ने लोगों से भेंट की और उन्हें विश्वास दिलाया कि इस कठिन समय में डेरा जगमालवाली की संगत उनके साथ है। संत जी ने ना केवल राहत सामग्री बटवाई बल्कि लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन भी दिया।

इसके बाद संत जी ने जलालाबाद में एक मजलिस में पहुँचे । यहां भारी संख्या में संगत एकत्र हुई। अपने प्रवचनों में संत बिरेंद्र सिंह जी ने कहा –
“मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। किसी की मदद करना ही सच्ची भक्ति है। इस संसार में कोई पराया नहीं है, सब अपने हैं। हमें हर समय दूसरों की सेवा करने के साथ-साथ सुमिरन (ईश्वर का स्मरण) करते रहना चाहिए, क्योंकि सुमिरन ही सच्चा सहारा है। यह न केवल इस जीवन में साथ देता है, बल्कि आगे भी हमारा मार्ग प्रशस्त करता है। संत जी ने कहा कि मालिक को हमेशा याद रखना चाहिए, चाहे सुख में हो या दुख में हो | हमने इस दुनिया को अपना पक्का ठिकाना मान रखा है, इसलिए सारे दुखी हैं, हम इस दुनिया में खाली हाथ आए थे और ख़ाली हाथ ही वापिस जाएँगे, सिर्फ़ सिमरन ही साथ जाएगा | ”

संत जी ने हक़-हलाल की कमाई करने और सच्चाई व नेक नीयत से जीवन जीने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि जब इंसान सेवा और सिमरन को अपना जीवन मंत्र बना लेता है, तो सभी दुख-संकट दूर हो जाते हैं।

डेरा जगमालवाली का सेवा भाव आज लोगों के लिए मिसाल बन गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग कह रहे हैं कि जब सरकार और प्रशासन तक देर से पहुंचे, तब डेरा जगमालवाली का सेवा दल सबसे पहले उनकी मदद के लिए खड़ा नज़र आया।

पिछले कई दशकों से डेरा जगमालवाली का नाम सेवा, सिमरन और समाज सुधार से जुड़ा रहा है। संत बिरेंद्र सिंह जी ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बाढ़ पीड़ितों की सेवा को अपने जीवन का ध्येय बना लिया है।

आज जब पूरा इलाका बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है, ऐसे में संत जी का संदेश लोगों में आशा और विश्वास का संचार कर रहा है। उनका कहना है कि इंसान को मुश्किल समय में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि हिम्मत के साथ सेवा और सिमरन में जुट जाना चाहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप स्टोरी

पंचांग

Gold & Silver Price

Popular Metal Prices