Home » धर्म » श्री मद्भावगत कथा के समापन पर हुआ हवन यज्ञ, श्रद्धालुओं ने यज्ञ में डाली आहुतियां, लंगर-भंडारे का आयोजन

श्री मद्भावगत कथा के समापन पर हुआ हवन यज्ञ, श्रद्धालुओं ने यज्ञ में डाली आहुतियां, लंगर-भंडारे का आयोजन

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हवन कुंड में वेद मंत्रों द्वारा आहुति देने से दूर-दूर तक वातावरण शुद्ध हो जाता है: पंडि सुगन शर्मा

सिरसा। प्रभात पैलेस में पितृ पक्ष में पितरों कि शांति एवं विश्व कल्याण हेतु श्री बंशीवट कथा समिति द्वारा आयोजित श्री मद्भागवत कथा के समापन पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। श्री बंशीवट कथा समिति के प्रधान इंद्रकुमार चिड़ावेवाला, उपप्रधान सुनील गोयल, सचिव संजय तायल, सहायक उपप्रधान राधेश्याम बंसल, कोषाध्यक्ष रामकुमार जैन, संदीप सोनी, मुनीष शर्मा, संजय गोयल, तरुण बगड़िया, राजेंद्र जिंदल, दयानंद वर्मा, भवानी शंकर, तरुण, दीपक शर्मा, अश्वनी, रामअवतार, राधा ने हवन यज्ञ में आहुतियां डाली। कथा के समापन पर कथा व्यास पंडित सुगन शर्मा ने यज्ञ के बारे में बताते हुए कहा कि वेद कहता है कि सर्व सुखों की प्राप्ति करनी है और स्वर्ग की प्राप्ति करनी है तो यज्ञ करो। यज्ञ सर्व सुखों का स्त्रोत है। जब यज्ञ कुंड में शुद्ध सामग्री, खांड-बूरा, देसी घी की आहूति दी जाती है तो कुंड से एक दिव्य धुआं पैदा होता है। जो सभी रोगों को दूर करता है। उन्होंने कहा कि बादाम, किशमिश, काजू, अखरोट आदि पौष्टिक पदार्थ के मिश्रण से तैयार हवन सामग्री की आहुति हवन कुंड में डालने से एक विशेष प्रकार की ऊर्जा पैदा होती है, जो शरीर के छिद्रों के अंदर प्रवेश कर शरीर के अंद छुपे हुए घातक कीटाणुओं का नाश करती है और शरीर सुंदर स्वस्थ हो जाता है। कथा व्यास ने कहा कि हवन कुंड में वेद मंत्रों द्वारा आहुति देने से दूर-दूर तक वातावरण शुद्ध हो जाता है और वायु मंडल में फैले हुए दुर्गुणों, दुर्विचारों, दुर्भाओं को नष्ट कर सदगुणों का संचार करती है। उन्होंने कहा कि यदि देश-विदेशों में बड़े-बड़े यज्ञ किए जाए तो इससे प्रदूषण नष्ट हो जाएगा और यह समस्या सदा के लिए हल हो जाएगी। हवन यज्ञ के उपरांत श्रीमद भागवत की आरती की गई। बाद में भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।

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