नशे के दुष्परिणामों, साइबर अपराध, स्वच्छता व यातायात नियमों के संबंध में दिया जागरूकता संदेश
नशे को जड़ से मिटाने के लिए जनसेवा में समर्पित डबवाली पुलिस का सहयोग करेः- डीएसपी
प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार डबवाली पुलिस द्वारा 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलाए जा रहे “सेवा पखवाड़ा” के दौरान रक्तदान शिविर, सड़क सुरक्षा, महिला सुरक्षा, स्वच्छता व पौधारोपण जैसे बहुपक्षीय अभियानों के साथ विभिन्न विभागों के साथ कदम से कदम मिलाकर आमजन को जागरूक किया जाएगा । इसके साथ ही आमजन से सीधा संवाद कर उनको नशे जैसी सामाजिक बुराइयों व साइबर अपराधों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है । इसी के मद्देनजर उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कपिल अहलावत ने गांव थाना सदर प्रभारी उप नि. शैलेन्द्र कुमार व चौकी गोरीवाला प्रभारी उप नि. राजेश कुमार के साथ गांव गोरीवाला में जनसंवाद कार्यक्रम किया गया ।
उप पुलिस अधीक्षक कपिल अहलावत ने इस अभियान के तहत गांव के बड़े बुजुर्गों व युवाओं के साथ नशे के दुष्परिणामों, साइबर अपराधों, यातायात नियमों विषयों पर चर्चा की गई । जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होने बताया कि डबवाली पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस पखवाड़े में जनसेवा में किए जा रहे कार्यों से आमजन में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास को और मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं । क्योंकि अपराध नियंत्रण में सबसे प्रभावी बिंदू है जनता का सहयोग । इसके लिए पुलिस और जनता के बीच समन्वय अति आवश्यक है । इस मौके पर उन्होंने गांव गोरीवाला की लाइब्रेरी का दौरा किया और युवाओं से मुलाकात की । युवाओं से नशे संबंधी समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि नशे पर पूर्ण अंकुश लगाने लगाने के लिए युवा शक्ति को जागृत होना बहुत आवश्यक है । नशीली दवाओं का सेवन स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, शिक्षा, संबंध और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालता है । नशा एक समस्या है जिसका समाधान हेतु शिक्षा, उच्चतम स्तर की जागरूकता और सभी समुदाय की सहयोग की जरूरत होती है । नशे के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना चाहिए । नशे के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए समाज को सहयोग करना चाहिए और नशीली दवाओं के विरुद्ध जागरूकता फैलानी चाहिए । नशे को युवा पीढ़ी से दूर रखने व उन्हे खेलों, पढाई व अन्य दैनिक कार्यों की ओर ले जाने का कार्य पुलिस प्रशासन के साथ साथ उनके अभिभावकों व गांव के मौजिज व्यक्तियों की नैतिक जिम्मेदारी है ।
साइबर अपराधों को रोकने में सरकार, प्रशासन ही नहीं उपभोक्ता की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है । ऐसे हमलों को रोकने में उपभोक्ताओं की सजगता और सतर्कता की बहुत बड़ी भूमिका होती है । साइबर अटैक से बचाव के लिए आवश्यक है कि उपभोक्ता, फोरम, वेबसाइट पर अपनी संवेदनशील जानकारी ईमेल आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर न करें । अपना पासवर्ड मजबूत रखें, कोई भी लिंक क्लिक करने से पहले देखें कि वह वेबसाईट ठीक है या नहीं । उन्होंने कहा कि सिस्टम की सुरक्षा के लिए अपने सिस्टम को अपडेट करते रहें और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें । उन्होंने बताया कि स्पैम मैसेज को खोलने से बचें और ओपन वाईफाई का इस्तेमाल न करें । साथ ही एक ही वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करें । आप एक सुरक्षित नेटवर्क से जुडकर सावधानी और सजगता बरतकर साइबर हमले अथवा अपराध की गिरफ्त में आने से बच सकते हैं ।
उन्होने आगे कहा कि अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाती है तो तुरंत नेशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल करें और www.cybercrime.gov.in पर जितनी जल्दी हो सके शिकायत दर्ज करवाये इसके अतिरिक्त साइबर अपराध थाना या नजदीक पुलिस स्टेशन में साइबर हेल्प डेस्क पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराकर साइबर अपराध के बारे में सहायता ली जा सकती है ।