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संस्कृत भारती के संयोजन से सिरसा नगर में संस्कृत सम्भाषण शिविर का उद्घाटन समारोह आयोजित

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संस्कृतभारती केवल एक भाषा संस्था नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परम्परा और ज्ञान की जीवनदायिनी मूलधारा है: शांति स्वरूप

सिरसा। संस्कृतभारती हरियाणा (न्यास) के तत्वावधान में सिरसा जनपद में संस्कृत सम्भाषण शिविर का उद्घाटन राधा-माधव मंदिर स्थित सभागार में हुआ। इस अवसर पर नगर के संस्कृत प्रेमी, छात्र, शिक्षक तथा समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और वैदिक मंत्रों के उच्चारण से हुआ। इसके बाद अतिथियों का पुष्पगुच्छों से स्वागत किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में नगरपरिषद के अध्यक्ष शांति स्वरूप भाटी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृतभारती केवल एक भाषा संस्था नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परम्परा और ज्ञान की जीवनदायिनी मूलधारा है। इन सम्भाषण शिविरों में भाग लेने से न केवल भाषा का प्रचार होता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक चेतना भी जागृत होती है। सिरसा जनपद के अध्यक्ष द्रोण प्रसाद ने बताया कि यह शिविर 3 अक्तूबर से 12 अक्तूबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा वैज्ञानिकता, तार्किकता और भावनात्मकता की त्रिवेणी है। यह सभी भारतीय भाषाओं की जननी है। आज के युवाओं में संस्कृत के प्रति जिज्ञासा बढ़ रही है, जो अत्यंत आनंददायक है। नगराध्यक्ष श्री निवास शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह दस दिवसीय शिविर संवादात्मक शैली में संचालित होगा। इसमें प्रतिभागी संस्कृत में वार्तालाप, श्रवण, पठन और व्यवहार के माध्यम से भाषा का अभ्यास करेंगे। संस्कृत कठिन नहीं, बल्कि सरल, मधुर और सहज भाषा है। सहप्रांत मंत्री भूपेन्द्र भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि संस्कृत एक सेतु की भांति हमें हमारे गौरवशाली अतीत से जोड़ती है और चिरस्थायी संस्कृति का बोध कराती है। संस्कृतभारती का लक्ष्य है जन-जन तक संस्कृत, संस्कृत तक जन। संस्कृत को घर-घर लाना है, इसे व्यवहार की भाषा बनाना है। डा. राकेश कुमार ने कहा कि  संस्कृत सिर्फ  अध्ययन की नहीं, अपितु जीवन में उतारने की भाषा है। यह विद्यार्थियों में तर्क, भाव और विचार की स्पष्टता लाती है। सम्भाषण शिविर जैसे प्रयास नई पीढ़ी को जड़ों से जोड़ते हैं। यह शिविर नवाचार, नैतिकता और राष्ट्रीय चेतना का संगम है। इस आयोजन में कई कार्यकर्ताओं और आयोजकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिलामंत्री बलजिन्द्र सिंह, शिक्षक मनीष और डा. संदीप कुमार, नगरप्रांत प्रचारक डा. आदित्य शर्मा तथा डा. विनोद सक्रिय रूप से कार्यक्रम में सम्मिलित रहे। संयोजक निवास शास्त्री ने समारोह का कुशल संचालन किया। समारोह के अंतिम सत्र में संयोजक श्री निवास शास्त्री ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगकर्ताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया।

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