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प्रशासनिक तानाशाही किसानों ने स्वयं मोघों के साथ दीवार निकालकर किए बंद

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बोले, हमें नहीं चाहिए पानी, टेल तक आगे पहुंचाओ पानी
सिरसा। चौटाला नहर की टेल तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा चोरी छिपे छोटे किए गए मोघों के विरोध में गांव जांडवाला बिश्नोईया, गांव सुखेरा खेड़ा, जांडवाला बिश्नोईयान, आसाखेड़ा, भारूखेड़ा के किसान एकजुट होकर धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे जंडवाला बिश्नोईयान के सरपंच मिठूराम, आसाखेड़ा के सरपंच भादर, भाजपा नेता गगनदीप सहित अन्य किसानोंं ने बताया कि चौटाला डिस्ट्रीब्यूटरी से उपरोक्त व आसपास के गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। उन्होंने बताया कि लंबे समय से डिस्ट्रीब्यूटरी पर बने मोघों से ही सप्लाई मिलती है। सिंचाई विभाग द्वारा कुछ समय पूर्व चोरी छिपे टेल तक पानी पहुंचाने का हवाला देकर चोरी-छिपे रातों रात फोर्स लाकर मोघों का साइज अपने स्तर पर छोटा कर दिया, जबकि इस संबंधी किसी किसान को कोई नोटिस नहीं दिया गया। किसानों ने इस संबंधी जब अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने पुरानी मशीनों के खराब होने व टेल तक पानी पहुंचाने का रोना रोकर अपना पल्ला झाड़ लिया। प्रशासन की इस तालिबानी कार्रवाई से किसानों ने अब स्वयं ही डिस्ट्रीब्यूटरी पर बनाए गए मोघों के आगे दीवार निकाल दी और विभागीय अधिकारियों से कहा कि उन्हें पानी नहीं चाहिए, आप टेल तक पानी ले जाएं। धरनारत लोगों ने कहा कि वर्तमान सरकार में अफसरशाही इतनी हावी है कि बिना किसी सूचना के कार्य कर आम जनता को प्रताडि़त किया जा रहा है। सरकार की लचर कार्यप्रणाली से अधिकारियों के हौंसले बुलंद हंै। किसानों ने कहा कि जब तक उनके मोघों का साइज पुराना नहीं दिया जाता, वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

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