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दिवाली पर कितने दीये लगाने चाहिए? भूलकर भी ना करें ये काम

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HARYANA: त्योहारों का सीजन चल रहा है. इस महीने में ही हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व दिवाली का त्योहार आने वाला है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए थे. जहां उनके स्वागत के लिए घी के दीए जलाए गए थे और उनका भव्य स्वागत किया गया था. इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की विजय और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक भी माना जाता है.

दीपावली के अवसर पर लोग अपने घरों पर रंग बिरंगी लड़ी और दीपक जलाते हैं. ऐसे में ये जानना काफी जरूरी हो जाता है कि दीपावली पर कितने दीए जलाए जाने चाहिए और कितने दीपक जलाना शुभ माना जाता है.

यम के नाम का जलाया जाता है पहला दीपक: दीपावली पर दीए जलाने का अपना अलग ही महत्व होता है. दीपावली उत्सव की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है और धनतेरस की शाम के समय सबसे पहले दिया यम के नाम का जलाया जाता है. इस दीपक को यमदेव का दीपक भी कहा जाता है. जिसको मृत्यु का देवता कहा जाता है. इसका उद्देश्य होता है कि परिवार के किसी भी सदस्य की अकाल मृत्यु ना हो.

13 होनी चाहिए दीपों की संख्या: सरसों का तेल डालकर पहला दीया यम के नाम का जलाया जाता है. ये दीया रात का अंधेरा होने के बाद सोने से पहले घर के बाहर जलाया जाता है और इस दीये के बाद कोई भी परिवार का सदस्य घर से बाहर नहीं निकलता. यम का दीया पुराने दीयों में ही सरसों का तेल डालकर जलाया जाता है. इसको घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण की ओर मुख करके नाली या कूड़ा दान के ढेर के साथ रखा जाता है. यम दीया के साथ 12 दीए और जलाने चाहिए. कुल मिलाकर दीयों की संख्या 13 होनी चाहिए.

कितने दीये जलाना शुभ? पंडित पवन शर्मा ने बताया कि दीपावली पर लोग दीये अवश्य जलाते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को ये जानकारी नहीं होती कि दीपावली के अवसर पर कितने दीये जलाना शुभ माना जाता है. कुछ लोग गलती कर बैठते हैं जिसके चलते उनकी दीपावली की पूजा अधूरी मानी जाती है. दीपावली पर कम से कम पांच दीये जलाना जरूरी होता है. दीपावली के त्योहार पर 5, 7, 9 ,11, 15, 51 और 101 दीपक जलाने की परंपरा रामायण काल से चलती आ रही है.

कौन से स्थान पर जलाएं दीये? दीपावली के दिन पूजा स्थल (जहां पर मंदिर है या पूजा की जाती है) पर दीपक जलाना चाहिए. जिसे माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है. तुलसी के पौधे के नीचे भी दीपावली के दिन दीपक जलाना चाहिए, जिससे घर में सुख समृद्धि आती है. जहां पर आप अपने पैसे या गहने रखते हैं. जिसको आप स्थाई तौर पर तिजोरी मानते हैं. वहां भी दीपक जलाना चाहिए.

मुख्य द्वार पर दीया जलाना जरूरी: घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना सबसे जरूरी होता है. इससे घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है और नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहती है. माना जाता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है. घर में जहां से पीने का पानी आता है. वहां भी एक दीपक जलाना चाहिए. घर की बालकनी और खिड़कियों में दीपक जलाएं. घर के आंगन और छत पर भी दीपक जलाना जरूरी होता है. इससे नकारात्मक ऊर्जा घर से चली जाती है. पीपल के पेड़ के नीचे, घर के बाथरूम में, गली के चौराहे पर और पितरों के नाम कभी एक दीपक अवश्य जलाएं.

दिवाली के बाद जलाए गए दीये का क्या करें? पंडित ने बताया कि जो दीपक दीपावली पर जलाए जाते हैं. कुछ लोग उनको ऐसे ही कूड़ादन में या अन्य स्थानों पर फेंक देते हैं. जो शुभ नहीं माना जाता. ऐसा माना जाता है कि जलाए गए दीपक कूड़ेदान में फेंकने से माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है और इसका बुरा प्रभाव परिवार पर पड़ता है. ऐसे में दीपावली पर जलाए गए दीपक को गोवर्धन पूजा तक संभाल कर रखें और गोवर्धन पूजा के बाद दीपावली पर इस्तेमाल किए गए दिए को चलते हुए पानी या नदी में प्रवाहित करें. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है.

भूलकर भी ना करें ये काम: दीपावली पर जलाए गए दीपक में से कुछ दीपक अपने पास रखें और उनको अपनी तिजोरी या पूजा घर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पर वह सुरक्षित रहें. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और माता लक्ष्मी हमेशा घर में वास करती है. वहीं कुछ लोग दीपक को जलाने के बाद दान कर देते हैं ऐसा करना भी अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि दीपक को माता लक्ष्मी का प्रतीक के रूप में माना जाता है. जिससे दान करने के बाद घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव डालती है और मां लक्ष्मी भी नाराज होती है.

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