3 Views
जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने बताया कि किसान परंपरागत खेती में बदलाव कर फसल विविधिकरण अपनाकर अपनी आय को बढा सकता है। इस दिशा में जिला के किसान झींगा पालन कर अपनी आय के स्रोत को बढा सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत अनुदान झींगा पालन के लिए दिया जा रा है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत अनुसूचित जाति व महिला वर्ग मछली पालकों को 60 प्रतिशत अनुदान तथा सामान्य वर्ग के मछली पालको को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत निजी भूमि में या पट्टे कि भूमि में तालाबों का निर्माण, मछली / सफेद झींगा फीड मील, हैचरी, कोल्ड स्टोर लगाने पर मत्स्य पालन विभाग से वित्तीय व तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों को मछली पालन करते हुए 3 साल हो गए हैं उनको तालाब सुधार हेतु भी अनुदान दिया जा रहा है। विभाग में इसी तरह सोलर, मछली बेचने के लिए फिश किओस्क मोटरसाइकिल व थ्री व्हीलर पर भी अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पंचायती तालाब जिन्हें मत्स्य पालन हेतु पट्टे पर लिया है, उन तालाबों की पट्टा राशि व खाद खुराक, जाल की खरीद व रेहड़ी पर अनुदान दिया जाता है। जिन ग्राम पंचायतो के पास अनुपयोगी पंचायती भूमि है जो कृषि योग्य नहीं है वे पंचायते मछली पालन के लिए 08 वर्ष के लिए पट्टे पर दे सकती है, जिससे पंचायते गाँव के राजस्व में बढ़ोतरी के साथ गाँव के बेरोजगार युवकों को रोजगार प्रदान कर सकती है।