सरकार द्वारा गेंहू खरीद 1 अप्रैल से शुरू करने के बावजूद भी आढ़तियों के पास बारदाना तक नही आया है- बजरंग गर्ग
किसान अपनी सरसों व गेंहू बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहे है- बजरंग गर्ग
सरकार की तरफ से सरसों व गेंहू करने के लिए मंडियों कोई पुख्ता प्रबंध तक नही है- बजरंग गर्ग
सरकार को अपने व्यादे के अनुसार गेंहू व सरसों की खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए- बजरंग गर्ग
चंडीगढ– हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कांन्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने आढ़ती व किसानों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा अनाज उठान 48 घंटे में और 72 घंटे के अंदर-अंदर खरीद का भुगतान करने की घोषणा झूठ का पुलिन्दा है और जनता को गुमराह करने वाला ब्यान है जबकि हकीकत यह है कि मंडियों में 20-20 दिनों तक किसानों की सरसों की सरकारी खरीद तक नही होती है। यहां तक की कई मंडियों में तो आज तक सरसों व गेंहू उठान के टैंडर तक नही हुए है। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार द्वारा गेंहू खरीद 1 अप्रैल से शुरू करने के बावजूद भी आढ़तियों के पास बारदाना तक नही आया है। किसान अपनी सरसों व गेंहू बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहे है। सरकार की तरफ से सरसों व गेंहू करने के लिए मंडियों कोई पुख्ता प्रबंध तक नही है। मंडियों में सफाई व्यवस्था, चौकीदार, पीने के पानी व किसान भवन में किसी प्रकार की व्यवस्था तक नही है। जिसके कारण प्रदेश के किसान व आढ़तियों में सरकार के प्रति बड़ी भारी नाराजगी है। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को अपने व्यादे के अनुसार गेंहू व सरसों खरीद के लिए पुख्ता से पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। सरकार को अपने व्यादे के अनुसार गेंहू व सरसों की खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए। सरकार को किसान की फसल भुगतान के साथ-साथ आढ़तियों का कमीशन व पल्लेदारों की मजदूरी का भुगतान भी समय पर करना चाहिए जबकि सरकार आढ़तियों को कमीशन व पल्लेदारों की मजदूरी के लिए 6-6 महीने तक चक्कर लगवाती रहती है, जो उचित नही है। किसान देश का अन्नदाता है और व्यापारी रीड की हड्डी है।