– वार्ड-3 की भाजपा प्रत्याशी ज्योति वर्मा का नामांकन रद्द करने की मांग, उपायुक्त व चुनाव आयोग को की शिकायत
– वार्ड-3 की भाजपा प्रत्याशी ज्योति वर्मा पर पिछड़ा वर्ग-ए श्रेणी के आरक्षण के दुरुपयोग का आरोप
– ज्योति वर्मा का नामांकन रद्द न किया गया तो हाईकोर्ट में ले जाएंगे मामला : एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल
हिसार : हिसार नगर निगम के वार्ड-3 की भाजपा प्रत्याशी ज्योति वर्मा का नामांकन तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग की गई है। इस संदर्भ में उपायुक्त हिसार, अतिरिक्त उपायुक्त कम रिटर्निंग ऑफिसर, स्टेट इलेक्शन कमीशन व असिस्टेंट स्टेट इलेक्शन कमीशन को लिखित शिकायत ईमेल से भेजी गई है। ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने आरोप लगाया है कि इस चुनाव में वार्ड-3 पिछड़ा वर्ग-ए (महिला) श्रेणी के लिए आरक्षित है। विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि भाजपा प्रत्याशी ज्योति वर्मा पंजाबी समुदाय से संबंध रखती हैं और वे पिछड़ा वर्ग-ए श्रेणी के आधार पर चुनाव लडऩे की पात्र नहीं है। इसलिए आरक्षित श्रेणी के तहत चुनाव लड़ने के लिए उसकी पात्रता की तुरंत औपचारिक जांच की जानी चाहिए। इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी कुसुम प्रजापति को निर्विरोध निर्वाचित किया जाए।
ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि निकाय चुनाव पारदर्शी व निष्पक्ष होने चाहिए। इसके साथ ही वार्ड-3 की उम्मीदवार कुसुम प्रजापति के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। खोवाल ने बताया कि शिकायत में स्पष्ट किया गया है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण को नियंत्रित करने वाले प्रचलित कानूनी ढांचे के अनुसार, पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ किसी व्यक्ति की पैतृक जाति के आधार पर प्रदान किया जाता है, यानी हरियाणा में मान्यता प्राप्त पिछड़ा वर्ग-ए समुदाय में उनका जन्म हुआ हो। यह उजागर करना जरूरी है कि सामान्य जाति से संबंधित व्यक्ति या परिवार जिन्होंने बाद में पिछड़े समुदाय से पारंपरिक रूप से जुड़े पेशे या व्यापार को अपनाया है, वे भी इस श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ के लिए पात्र नहीं हैं। वे पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते। शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में बीसी-ए महिला आरक्षण के लिए उम्मीदवार को केवल हरियाणा राज्य के पिछड़ा वर्ग-ए का व्यक्ति होना अनिवार्य है।
एडवोकेट खोवाल ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि पिछड़ा वर्ग के प्रमाण-पत्र का हकदार कौन हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन दिशा-निर्देशों से स्पष्ट है कि उम्मीदवार ज्योति वर्मा हरियाणा के पिछड़े वर्ग की श्रेणी में नहीं आती है। इसलिए तुरंत जांच करके ज्योति वर्मा का नामांकन रद्द किया जाए। इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया में आरक्षण के किसी भी अवैध दावे की अनुमति न दी जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वास्तव में पिछड़े समुदाय के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।
खोवाल ने बताया कि ज्योति वर्मा की सच्चाई सामने लाने के लिए उनसे संबंधित सभी दस्तावेज आरटीआई लगाकर मंगवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि तुरंत प्रभाव से ज्योति वर्मा का नामांकन रद्द न किया गया तो इस चुनाव को हाईकोर्ट में चैलेंज किया जाएगा।