– स्व. जाना देवी की स्मृति में हवन का आयोजन, श्रद्धांजलि देने विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे लोग
– स्व. जाना देवी के सेवा कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता : विधायक चंद्रप्रकाश
हिसार / मंडी आदमपुर : पूर्व राज्यसभा सांसद स्व. रामजीलाल की पत्नी और विधायक व सेवानिवृत्त आईएएस चंद्रप्रकाश की चाची स्वर्गीय जाना देवी की स्मृति में हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। इस दौरान आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में लोगों ने पहुंचकर शोक व्यक्त किया।
हिसार में बालसमंद रोड पर स्थित विश्वकर्मा कॉलोनी में निवास स्थान 205 पर आयोजित किए गए हवन में हिस्सा लेकर समस्त पारिवारिक सदस्यों ने स्वर्गीय जाना देवी की आत्मिक शांति की कामना की। इस दौरान काफी संख्या में गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात करके संतप्त परिवार को सांत्वना दी और ढाढस बंधाया।
आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश की चाची जाना देवी का 9 मार्च को आकस्मिक निधन हो गया था। आर्य नगर के श्मशान घाट में पूरे विधि विधान से वैदिक रीति से 9 मार्च को ही अंतिम संस्कार क्रिया की गई। स्व. जाना देवी की स्मृति में 16 मार्च तक शोक बैठक आयोजित की गई। इस शोक बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण, सांसद, कैबिनेट मंत्री, विभिन्न क्षेत्रों के विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक एवं विभिन्न राजनीतिक दलों, धार्मिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत करके शोक व्यक्त किया। कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा, विधायक विनोद भ्याणा, शीशपाल केहरवाला, विधायक सुनील सांगवान, विधायक उमेद पातुवास, पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, पूर्व मंत्री एम. एल. रंगा, जिला सेशन जज जयसिंह जांगड़ा, हरियाणा जांगिड़ महासभा के प्रधान खुशीराम, सुभाष पनिहार (रणधीर पनिहार के भाई), आशीष कुक्की, दयाराम पूनिया, कृष्ण सिंगला टीटू, अनूप सरसाणा, सूबे सिंह आर्य, दलबीर किरमारा, पूर्व चेयरमैन बृजलाल बहबलपुरिया, पूर्व चेयरमैन महासिंह मोहब्बतपुर, सरपंच ठाकुरदास, हंसराज जादूदा, प्रदीप बेनीवाल, कालू पंडित, भूपेंद्र कासनिया, सरपंच शमशेर पनिहार, बलवान आर्य व रविंद्र गोरछी ने शोक बैठक में विधायक चंद्रप्रकाश व अन्य पारिवारिक सदस्यों से मुलाकात की और शोक जताया।
विधायक चंद्रप्रकाश ने बताया कि पूर्व राज्यसभा सांसद चाचा स्व. रामजीलाल व चाची स्व. जाना देवी ने सेवा कार्यों की मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने-पराए का भेदभाव किए बिना हमेशा जनकल्याण कार्यों में सक्रियता दिखाई। स्व. जाना देवी ने धर्म-कर्म का मार्ग अपनाकर जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे परिवार को सदकार्य करने के लिए हमेशा प्रेरित किया। उनके द्वारा किए गए सेवा कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।