बुक पब्लिशर की मनमर्जी के खिलाफ ठोस व सख्त नीति लागू करे हरियाणा सरकार: अनिल चंदेल
सिरसा। एक अप्रैल से स्कूलों में नए सत्र की कक्षाएं शुरू होने के साथ-साथ अभिभावकों द्वारा बच्चों के लिए नई कक्षाओं की पुस्तकें खरीदेंने का सिलसिला भी शुरू होगा। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी एक बार फिर आम लोगों को जेब कटवाने पर मजबूर करेगी। विशेष तौर पर सैंट जेवियर जैसे संस्थाओं से जुड़े हुए विद्यालय। शहर निवासी अनिल चंदेल ने बताया कि पुस्तक संपादक अपनी मर्जी के अनुसार पुस्तकों के दाम निर्धारित करके उन पर उनका मूल्य लगाता है और अभिभावकों को मजबूर होकर उनके निर्धारित मूल्यों पर ही पुस्तकें लेने को मजबूर होना पड़ता है। हालांकि ये सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन अभिभावकों के साथ हो रही इस लूट को रोकने की हिम्मत अभी तक न तो किसी अधिकारी ने और न ही सरकार ने उठाई। पुस्तक संपादक इतने बेखौफ होकर लोगों को लूटते हैं, जैसे कानून नाम की कोई चीज ही नहीं। पुस्तक संपादकों पर सरकार की कोई नीति व नियम नहीं है, जिससे वे अपनी मनमर्जी के मुताबिक गरीब लोगों की जेब काटते हैं। अभिभावकों को दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आने के कारण मजबूरीवश पुस्तकें खरीदनी पड़ती है। बड़ी बात ये है कि कोई अभिभावक बुक संचालकों के खिलाफ आवाज उठाता है तो धमकी देकर उनकी आवाज को दबा दिया जाता है। उन्होंने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि इस मामले में तुरंत संज्ञान लेकर जल्द से जल्द इन बेलगाम लुटेरों को काबू करके जनता को राहत की प्रदान की जाए।