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‘सीखना’ सिखाता है रंगमंच: कर्ण लढा

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सिरसा। राजकीय नैशनल महाविद्यालय सिरसा के पंजाबी विभाग द्वारा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए विषय नाटक और रंगमंच पर एक्सटेंशन लेक्चर के लिए केएल थियेटर प्रोडक्शंस एवं जेसीडी रंगशाला के निदेशक कर्ण लढा को बुलाया गया। सबसे पहले राजकीय नैशनल महाविद्यालय सिरसा के पंजाबी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर एवं इंचार्ज ऑफ  सब्जेक्ट सोसाइटी पंजाबी अनिता मडिया ने मौजूदा सभी विद्यार्थियों से युवा, ऊर्जावान नाटक निर्देशक कर्ण लढा का परिचय करवाते हुए स्वागत किया और बताया कि रंगमंच और नाटक से संबंधित आप में कोई भी जिज्ञासा हो तो आज के इस एक्सटेंशन लेक्चर कार्यक्रम में कर्ण लढा से पूछ कर अपनी जिज्ञासा दूर कर सकते हंै। कर्ण लढा ने मौजूदा सभी विद्यार्थियों को कहा कि कोई भी लेक्चर को आप केवल लेक्चर ना समझ कर बातचीत की तरह लेंं, जिससे आपको उसे याद रखने की आवश्यकता ही ना पड़े। उन्होंने कहा कि ‘सीखना’ सिखाता है रंगमंच। शिक्षा का मतलब सिर्फ  किताबी ज्ञान नहीं होता, बल्कि स्वयं को जानना है। हर कला हमें संवेदनशील बनाती पर नाटक कला और रंगमंच संवेदनशीलता के साथ-साथ व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने में विशेष भूमिका निभाता है। इसके बाद मौजूदा विद्यार्थियों की रंगमंच और नाटक से संबंधित जिज्ञासाओं को प्रश्न-उत्तर के माध्यम से दूर ही नहीं किया, बल्कि हर शब्द को याद करने की बजाय समझने की लिए प्रोत्साहित किया। अंत में राजकीय नैशनल महाविद्यालय सिरसा के वाइस प्रिंसीपल प्रोफेसर हरविंदर सिंह जी ने कर्ण लढा का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऊर्जावान युवा निर्देशक कर्ण लढा ने मौजूदा सभी विद्यार्थियों में रंगमंच और नाटक के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार किया है। विद्यार्थियों का उत्साह इस बात का प्रतीक है कि आपके द्वारा इस लेक्चर में उन्होंने केवल विषय का ज्ञान ही नहीं, बल्कि भरपूर आनंद भी लिया है।

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