सिरसा। यदि भारत ने इंग्लैंड की तरह विश्व पर शासन स्थापित किया होता तो भारतीय भाषाएं कितनी समृद्ध होती, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस तरह की भावना व्यक्त करते हुए नामधारी गुरु सतगुरु दलीप सिंह ने अपने संदेश में कहा कि जिस तरह आज इंग्लिश भाषा विश्व पर शासन कर रही है, उसी तरह ही भारतीय भाषाएं भी विश्व पर शासन करती। आज विश्व में अंग्रेजी की बजाय भारतीय भाषा का ही प्रयोग होता और वह कोई भी एक भारतीय भाषा ही अंतर्राष्ट्रीय भाषा होती। जिस प्रकार अंग्रेती के बिना आज लोगों का जीवित रहना भी असंभव जैसा है। यदि भारत ने विश्व पर शासन किया होता, तो भारतीय भाषा के बिना भी लोगों का जीवित रहना असंभव जैसा हो जाता। अंग्रेजी की तरह ही लोग भारतीय भाषा पढ़ते, क्योंकि भारत के अधीन होने के कारण भारतीय भाषा पढऩा उनकी मजबूरी बन जानी थी। उन्होंने कहा कि जैसे इंग्लैंड के अधीन रहने के कारण अंग्रेजी पढऩा आज पूरे विश्व की मजबूरी बन गई है। परंतु, विश्व पर शासन स्थापित करने हेतु तथा लंबे समय तक शासन चलाने हेतु क्रूरता व कुटिलता जैसे अनैतिक-अधर्म कार्य करना राजनीति की मजबूरी हैं, जो भारत ने इंग्लैंड की तरह नहीं किए।