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मजहबी सिक्ख समाज को नहीं मिले अधिकार

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मजहबी सिक्ख समाज की दिशा व दशा पर चिंतन महासम्मेलन आयोजित
सिरसा। ऑल इंडिया मजहबी सिक्ख वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मजहबी सिख समाज की दिशा एवं दशा को लेकर मानसा में चिंतन महासम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा राजस्थान से समाज के लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे कोम की आवाज सरदार सुखविंदर सिंह डैनी बंडाला सेक्टरी इंचार्ज एआईसीसी नई दिल्ली का भव्य स्वागत किया गया तथा ऑल इंडिया मजहबी सिक्ख वेल्फेयर एसोसिएशन तथा समूचे भाईचारे द्वारा वारिस-ए-कोम का खिताब देकर सम्मानित किया गया। समाज के धार्मिक सिख विरसा दल के प्रमुख बाबा हरजिंदर सिंह खालसा भिखी फार्म वाले को विरासत-ए-सिखी का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में मजहबी सिक्खों की आर्थिक हालातों में गरीबी, लाचारी, अनपढ़ता, नशे पर चिंता जाहिर की तथा कहा कि समाज का हर नौजवान शिक्षित होने के साथ-साथ दस्तकार होना बहुत जरूरी है, तभी समाज तरक्की करेगा। उन्होंने राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पंजाब में हमारी आबादी बहुत है, लेकिन संख्या के आधार व अनुपात के हिसाब से रिजर्वेशन का फायदा हीं मिला। पंजाब में संख्या के आधार पर बजट कंपोटेंट अलॉटमेंट होना चाहिए, जिसमें पिछड़े समाज को फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिसकी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए। हम सभी अन्य अनुसूचित जातियों से पिछड़े हुए हैं, चाहे शिक्षा हो, सरकारी नौकरियों में हो, ब्यूरोके्रसी में, राजनीति में। सविंदर सिंह गिल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि राजनीति में आजादी के बाद से सभी जातियों को पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, लेकिन मजहबी सिक्ख एवं वाल्मीकि समाज को आज तक मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिला, ये हमारी त्रासदी है। समाज द्वारा इस ऑल इंडिया मजहबी सिक्ख वेलफेयर एसोसिएशन को राजनीति विंग द्वारा पंजाब में मजहबी सिख रंगरेटा गुरु का बेटा मुख्यमंत्री बनाने के लिए हमारा मिशन हमारी एकता की मुहिम के तहत पंजाब के हर क्षेत्र में इस प्रकार के दिशा और दशा चिंतन महा सम्मेलन किए जाएंगे, जिसकी शुरुआत जिला मानसा से की गई है। संस्था के अध्यक्ष सरदार सुखविंदर सिंह गजनवाला ने अपने संबोधन में कहा कि संस्था काफी सालों से मजहबी सिक्ख समाज को जागृत करने के लिए समय-समय पर कार्यक्रम करवाती रहती है। मजहबी सिक्ख समाज सभी बिरादरियों से पिछड़ा समाज है। अधिकतर समाज में मजदूर वर्ग हैं, शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पिछड़ा हुआ है। आर्थिक दशा बहुत खराब है। सरकारी नौकरियों में नाममात्र लोग हैं। ज्यादातर लोग गांवों में खेती मजदूरी करते हैं। समाज की दिशा व दशा सुधारने, समाज को नशे व अन्य बुराइयों से दूर करने के लिए सामाजिक समानता, शिक्षा में सुधार, आर्थिक दशा पर चिंतन महा सम्मेलन समाज को जागृत करने किया जा रहा है। राजनीतिक विंग के अध्यक्ष जसविंदर सिंह धालीवाल ने महासम्मेलन में समाज के अन्य विषयों सहित राजनीति में भागीदारी पर चर्चा तथा समाज में बढ़ रहे अत्याचार पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों प्रति जागृत न होने कारण हमारा समाज हमेशा पिछड़ा रहा। धालीवाल ने ये भी कहा की पंजाब में 1972 का भूमि सीलिंग एक्ट होना, जिसमें पंजाब में सर प्लस जमीन सही तरीके से बिना जमीन वाले लोगों को मिले। उन्होंने मजहबी सिक्ख समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे इस चिंतन महासम्मेलन में मजहबी सिख वेलफेयर एसोसिएशन का साथ दें, ताकि हम मिलकर समाज के अधूरे कार्यांे को पूरा कर सकें।

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