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कालांवाली में नशा खेप और रिश्वतखोरी की गूंज

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  1. डीएसपी से शिकायत के बाद उखड़ा सियासी गलियारों का संतुलन, आरोपी पर भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज
    कालांवाली, 14 जून  नगरपालिका क्षेत्र में नशा तस्करी और पुलिस तंत्र में भ्रष्टाचार की गूंज एक बार फिर तेज हो गई है। हाल ही में सामने आई एक एफआईआर (धारा 173 सीआरपीसी) के तहत यह खुलासा हुआ है कि कालांवाली थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 5 निवासी जगदीश राय ने एक संगीन आरोप लगाते हुए डीएसपी कालांवाली को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत के मुताबिक, एक लक्कडमिस्त्री और उसके साथी ने मिलकर नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जो बाद में 7 लाख.5 हजार रुपये में सौदा तय कर लिया गया।
    एफआईआर का ब्योरा: नशा, पैसे और पुलिस पर सवाल
    शिकायतकर्ता जगदीश राय पुत्र स्व. बलवंत राय, वार्ड नंबर 5, कालांवाली ने एफआईआर में बताया कि दिनांक 10 मई 2025 को शाम करीब 5 बजे वह अपनी बोलेरो गाड़ी में अपने ड्राइवर और एक महिला परिचित के साथ सिविल अस्पताल सिरसा से लौट रहा था। इसी दौरान गुरसेवक सिंह, जो खुद को सीआईए स्टाफ का खास बताता है, ने उन्हें रास्ते में रोका और गाड़ी की तलाशी लेने लगा। तलाशी के दौरान गुरसेवक सिंह ने कहा कि उसकी गाड़ी से नशीली गोलियां (एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित) बरामद हुई हैं, जबकि गाड़ी में से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। इसके बावजूद आरोपी ने पीडि़त से कहा कि एनडीपीएस एक्ट की धाराएं लगाकर उसे जेल भिजवा देगा। इसके बाद पीडि़त से 6.5 लाख रुपये की मांग की गई, लेकिन काफी बातचीत के बाद सौदा 7 लाख 5 हजार रुपये में तय हुआ। पीडि़त का दावा है कि उसने यह रकम मजबूरी में गुरसेवक सिंह को अदा की।
    गंभीर धाराओं में मामला दर्ज,एएसआई को जांच सौंपी गई
    एफआईआर में आरोपी के खिलाफ धारा 7 (भ्रष्टाचार अधिनियम), 384 (जबरन वसूली), 308(2) और 318(4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एएसआई कृष्ण कुमार (हृश. 791) को सौंपी गई है।
    राजनीतिक हलकों में हलचल तेज
    सूत्रों की मानें तो इस मामले में शामिल गुरसेवक सिंह का नाम आमने आया और उसे कुछ राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त हो सकता है। यही कारण है कि इस मामले के उजागर होते ही कालांवाली और सिरसा क्षेत्र के राजनीतिक गलियारों में भी गहमा-गहमी बढ़ गई है। स्थानीय विधायक शीशपाल केहरवाला और पूर्व विधायक बलकौर सिंह ने भी इस मामले में डीएसपी से मुलाकात कर जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
    जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
    इस घटना के बाद कालांवाली क्षेत्र में नागरिकों के बीच आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब पुलिस ही नशे की खेप से डील करने लगे और बेकसूर लोगों को फंसा कर पैसे वसूले, तो फिर आम जनता कैसे सुरक्षित महसूस कर सकती है?
    निष्कर्ष :
    कालांवाली में सामने आया यह मामला पुलिस तंत्र की साख पर बड़ा सवाल है। इस एफआईआर के जरिए साफ होता है कि नशीले पदार्थों की खेप और पुलिस कर्मियों की मिलीभगत का गठजोड़ अभी भी जिंदा है। अब देखना यह होगा कि सरकार और विभाग इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करते हैं और दोषियों को कब तक सजा दिलाई जाती है।

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