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-पंचनद शोध संस्थान, हिसार केन्द्र द्वारा गोष्ठी आयोजित
हिसार 11 जुलाई
पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केन्द्र, हिसार द्वारा गुरू जभेंश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विकसित भारत: आर्यभट्ट से गगनयान की ओर बढ़ते कदम विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में उपरोक्त विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्राध्यापक डॉ. विवेक गुप्ता प्रस्तोता के तौर पर उपस्थित रहे जबकि अध्यक्षता कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने की। राज्य सुचना आयुक्त व पंचनद शोध संस्थान, हिसार के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह भी मंच पर उपस्थित रहे।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. विवेक गुप्ता ने बताया कि देश को स्पेस सेंटर से वैज्ञानिक उन्नति, आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्लोबल नेतृत्व के क्षेत्र में बहुआयामी लाभ मिलेंगे। यह देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक विज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। भारत को स्पेस सेंटर (अंतरिक्ष केन्द्र) से कई महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक लाभ मिलेंगे। जो न केवल वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में बल्कि आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होंगे। उन्होंने बताया कि इससे वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार के साथ-साथ एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित होंगे। वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को नई तकनीकों पर काम करने का अवसर मिलेगा। इससे रॉकेट, सैटेलाइट रोबोटिक एआई और डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में प्रगति के नए द्वार खुलेंगे। उन्होंने बताया कि स्पेस सेंटर के कारण सेटेलाइट से जुड़ी सेवाएं जिसमे संचार और इंटरनेट, टीवी ब्रॉडकास्टिंग तथा नेवीगेशन सिस्टम और अधिक सुदृढ़ होगा।
उन्होंने वैज्ञानिक विक्रम साराभाई, डॉ. होमी जहांगीर भाभा, पुर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, डॉ. सतीश धवन, भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित विभिन्न वैज्ञानिकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे कृषि, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल होगी। इससे देश की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि देश न केवल अत्याधुनिक सेटेलाइट लॉच कर रहा है बल्कि दूसरे देशों के भी सेटेलाइट हमारे लांचिंग पैड से लॉच किए जा रहे हैं, जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। एग्जीओम-4 मिशन में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। भविष्य में भारत द्वारा अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले गगनयान में कैप्टन शुक्ला का अनुभव काम आएगा।
इससे वैज्ञानिक, इंजीनियर, टेक्नीशियन सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इससे देश की आर्थिक व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि स्पेस सेंटर रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके माध्यम से सीमाओं पर दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी और भविष्य की रणनीतिक चुनौतियों के लिए देश खुद को तैयार कर सकेगा।
भारत के लिए गगनयान की तैयारी और नई स्पेस प्रौद्योगिकियों के विकास में यह एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. मोहित कुमार ने किया जबकि धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने पारित किया। इस अवसर पर पंचनद शोध संस्थान, हिसार के सलाहकार ज्ञानचंद बंसल, जिला कार्यवाहक सतीश, लुवास के पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनोद वर्मा, डॉ. मोदिता वर्मा, डॉ रविन्द्र सैनी, शिक्षकगण व शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन: 1-2 गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रस्तोता डॉ विवेक गुप्ता व अन्य
3-मंच पर उपस्थित अधिकारीगण
हिसार 11 जुलाई
पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केन्द्र, हिसार द्वारा गुरू जभेंश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विकसित भारत: आर्यभट्ट से गगनयान की ओर बढ़ते कदम विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में उपरोक्त विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्राध्यापक डॉ. विवेक गुप्ता प्रस्तोता के तौर पर उपस्थित रहे जबकि अध्यक्षता कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने की। राज्य सुचना आयुक्त व पंचनद शोध संस्थान, हिसार के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह भी मंच पर उपस्थित रहे।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. विवेक गुप्ता ने बताया कि देश को स्पेस सेंटर से वैज्ञानिक उन्नति, आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्लोबल नेतृत्व के क्षेत्र में बहुआयामी लाभ मिलेंगे। यह देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक विज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। भारत को स्पेस सेंटर (अंतरिक्ष केन्द्र) से कई महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक लाभ मिलेंगे। जो न केवल वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में बल्कि आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होंगे। उन्होंने बताया कि इससे वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार के साथ-साथ एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित होंगे। वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को नई तकनीकों पर काम करने का अवसर मिलेगा। इससे रॉकेट, सैटेलाइट रोबोटिक एआई और डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में प्रगति के नए द्वार खुलेंगे। उन्होंने बताया कि स्पेस सेंटर के कारण सेटेलाइट से जुड़ी सेवाएं जिसमे संचार और इंटरनेट, टीवी ब्रॉडकास्टिंग तथा नेवीगेशन सिस्टम और अधिक सुदृढ़ होगा।
उन्होंने वैज्ञानिक विक्रम साराभाई, डॉ. होमी जहांगीर भाभा, पुर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, डॉ. सतीश धवन, भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित विभिन्न वैज्ञानिकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे कृषि, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल होगी। इससे देश की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि देश न केवल अत्याधुनिक सेटेलाइट लॉच कर रहा है बल्कि दूसरे देशों के भी सेटेलाइट हमारे लांचिंग पैड से लॉच किए जा रहे हैं, जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। एग्जीओम-4 मिशन में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। भविष्य में भारत द्वारा अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले गगनयान में कैप्टन शुक्ला का अनुभव काम आएगा।
इससे वैज्ञानिक, इंजीनियर, टेक्नीशियन सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इससे देश की आर्थिक व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि स्पेस सेंटर रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके माध्यम से सीमाओं पर दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी और भविष्य की रणनीतिक चुनौतियों के लिए देश खुद को तैयार कर सकेगा।
भारत के लिए गगनयान की तैयारी और नई स्पेस प्रौद्योगिकियों के विकास में यह एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. मोहित कुमार ने किया जबकि धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने पारित किया। इस अवसर पर पंचनद शोध संस्थान, हिसार के सलाहकार ज्ञानचंद बंसल, जिला कार्यवाहक सतीश, लुवास के पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनोद वर्मा, डॉ. मोदिता वर्मा, डॉ रविन्द्र सैनी, शिक्षकगण व शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन: 1-2 गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रस्तोता डॉ विवेक गुप्ता व अन्य
3-मंच पर उपस्थित अधिकारीगण
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