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आचार्य प्रशांत ने माता-पिता की परवरिश को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। उनका कहना है कि कई पैरेंट्स अपने बच्चों पर अपनी इच्छाएं और फैसले थोपते हैं, जिसकी वजह से बच्चे अपनी जिंदगी अपने मुताबिक जी ही नहीं पाते।माता-पिता हमेशा अपने बच्चों का भला चाहते हैं, लेकिन यह भी सच है कि कई बार वे अपनी अधूरी इच्छाएं बच्चों पर थोपने लगते हैं। इसका असर बच्चों की जिंदगी पर पड़ता है और नतीजा उन्हें ही भुगतना पड़ता है। इसी मुद्दे पर आचार्य प्रशांत ने बड़ा सवाल उठाया है।
उनका कहना है कि माता-पिता भी कम अहंकारी नहीं होते, वे चाहते हैं कि बच्चे वही गलतियां दोहराएं जो उन्होंने की थीं, और फिर कहते हैं कि उन्हें औलाद से बहुत प्यार है। आखिर ऐसे माता-पिता को कैसे समझा जाए? आइए जानते हैं आचार्य प्रशांत ने आगे और क्या कुछ कहा
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