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बाबा हैदर शेख मीरा साहिब जी मलेरकोटला वाले एवं बाबा लखदाता लालां वाले पीर साहिब जी का सजाया शुभ दीवान

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संत-फकीरों, पीरों ने अपनी साधना और संदेशों से हमें दिया है सेवा का संदेश, और मिलजुल कर जीने की राह दिखाई:गोबिंद कांडा
संत महात्माओं पीर फकीरों के तप से सिरसा एक धर्मनगरी के नाम से प्रसिद्ध है :गोबिंद कांडा

सिरसा । वीरवार की रात नई सब्जी मंडी स्थित पीर मंदिर में बाबा हैदर शेख मीरा साहिब जी मलेरकोटला वाले एवं बाबा लखदाता लालां वाले पीर साहिब जी का 39वां वार्षिक शुभ दीवान एवं भंडारा का आयोजन हुआ । इस अवसर पर पीर मंदिर परिसर में कार्यक्रम की शुरुआत मलोट से आए बाबा रूलदू राम जी मलोट वाले ने दीप प्रज्वलित कर की। बाबा हैदर शेख मीरा साहिब जी मलेरकोटला वाले एवं बाबा लखदाता लालां वाले पीर साहिब जी का शुभ दीवान सजाया गया। जिसमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्यों के हजारों अकीदतमंदों ने मजार पर चादरपोशी कर अपनी अकीदत का इजहार किया और सभी की सलामती की मन्नतें मांगी।  पूर्व गृहराज्यमंत्री, हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के अनुज श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक व वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने इस मौके पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि पीर फकीरों की मजारें और दरगाहें लोगों की भक्ति भावना को तो दर्शाती ही हैं, साथ ही विभिन्न धर्मों व जाति-पाति के विवाद को खत्म करते हुए आपसी भाईचारे का संदेश भी देती हैं। इसी तरह सर्वधर्म सम्मान व अनेकता में एकता के लिए प्रेरित करती है।
श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने सबसे पहले पीर बाबा की दरगाह पर शीश नवाया। इससे पूर्व  बाबा रूलदूराम मलोटवालों ने चिराग रोशन किया।  डबवाली, मलोट और सिरसा के गायकों, कव्वालों ने बाबा हैदर शेख मीरा साहिब जी मलेरकोटला वाले एवं बाबा लखदाता लालां वाले पीर साहिब जी की महिमा का गुणगान किया।  इसके साथ ही पीर मंदिर कमेटी की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। सभी श्रद्धालुओं ने पीर बाबा का आशीर्वाद लिया। पीर बाबा के मजार पर देर रात तक अकीदतमंदों के आने का सिलसिला जारी रही तथा मजार पर चादर चढ़ाने की रस्म अदा की जाती रही।
इस मौके पर गोबिंद कांडा ने कहा कि संत फकीरों एवं पीरों ने अपनी साधना और संदेशों से हमें सेवा का संदेश दिया है तथा प्यार मोहब्बत और मिलजुल कर जीने की राह दिखाई है। इसी सूफी परंपरा के बाबा लखदाता पीर सखी सुलतान और बाबा मलेरकोटला वाले मीरां साहिब जी, बाबा हैदर शेख मीरा साहिब जी मलेरकोटला वाले है जिन्होंने हमें शांति का पैगाम दिया और इस क्षेत्र के जन-मन में उनके प्रति असीम श्रद्धा है।  उन्होंने कहा कि हमारे संतों एवं सूफियों ने वंचितजनों की सेवा को ही परमेश्वर की सच्ची आराधना माना है जो हमें सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ करने की प्रेरणा देता है। हमें पीर, पैगंबरों एवं संतों की पूजा आराधना के साथ साथ उनके दिये संदेशों को अपने आचरण में उतारना होगा। गोबिंद कांडा ने कहा कि धर्म और अधयात्म के कारण ही आज के इस आधुनिक युग में मानवता जीवित है। सिरसा शुरू से ही अध्यात्म का गढ रहा है। यहां पर अक्सर धार्मिक आयोजन होते  रहते हैं। दानवीरों की भी यहां पर कमी नहीं है। कांडा ने कहा कि हमारे ग्रंथों में विज्ञान के रहस्यों का विस्तार से वर्णन किया गया है। आज बात संपूर्ण विश्व स्वीकार कर रहा है। कांडा ने कहा कि अध्यात्मक के प्रचार प्रसार के लिए धार्मिक आयोजन बहुत आवश्यक  है। गोबिंद कांडा ने कहा कि धर्मनगरी सिरसा का यह सौभाग्य है कि यहां संत महात्मा की अमृतवाणी से भक्तों को जीवन जीने का ज्ञान प्राप्त होता रहा है। यहां की धर्मप्रेमी जनता द्वारा समय समय पर धार्मिक आयोजन करवाए जाते हैं। इस मौके पर गोबिंद कांडा ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए समिति पदाधिकारियों को बधाई दी। इस मौके पर प्रधान अशोक बांसल,  तेजप्रकाश बांसल, नरेश बांसल, घनश्याम मित्तल,  बंटी अग्रवाल , बृजलाल जिंदल , सूरजभान, मास्टर भूरा राम,  हैप्पी जिंदल,  प्रदीप गर्ग, अश्वनी बंसल,  संजय गोयल साहुवाला, नवदीश गर्ग, सुनील गर्ग, शशि सिंगला, प्रदीप सिंगला, अमृत लाल गोयल, मक्खन गोयल,  राजेन्द्र सिंगला, हेमन्त ग्रोवर, सोनू सेठी, विपिन, सोम सिंगला व अन्य श्रद्धालुगण उपस्थित थे ।

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