-फसल बीमा पॉलिसी में धान की फसल में जलभराव होने पर भी नहीं मिलेगा बीमा क्लेम: लखविंदर सिंह औलख
फसल बीमा रहित किसानों की खराब हुई सारी फसलों का मुआवजा दिया जाए 5 एकड़ वाली शर्त हटाई जाए: औलख
सिरसा। बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गाइडलाइन के अनुसार जल प्रभाव धान की फसल पर लागू नहीं किया जा रहा है, जो किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। औलख ने कहा कि किसानों द्वारा धान की रोपाई व बिजाई नदियों व नालों के साथ जहां पर्याप्त मात्रा में पानी हो, वहीं की जाती है। इस बार भारी बरसात व बाढ़ से नदियां, नाले व नहरें उफान पर है। खरीफ की सब लगभग सभी फसलें खत्म हो गई है। कई इलाकों में धान की फसल में पानी खड़ा हुआ है, जिससे फसल खत्म हो गया है। किसानों के केसीसी खातों में से जबरन बीमा प्रीमियम काटा गया है, लेकिन फसल खराब होने के बाद धान में हुए जलभराव को बीमा पॉलिसी में नहीं लिया जा रहा है, क्रॉप कटिंग के आधार पर ही बीमा क्लेम दिया जाएगा, जिससे किसानों की भरपाई नहीं हो पाएगी। औलख ने कहा कि बीमा प्रीमियम भर चुके भर चुके किसान जिनके धान में जलभराव हुआ है, उन्हें दोहरी मार पड़ेगी वह क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी आवेदन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इस पोर्टल पर ऑप्शन आता है कि आपने फसल बीमा करवाया है या नहीं अगर किसान हां लिखेगा तो वह क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन नहीं कर पाएगा। हमारी हरियाणा सरकार से अपील है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का यह तुगलक्की फरमान हटाया जाए, धान में हुए जलभराव को भी फसल बीमा पॉलिसी में लिया जाए। हमारी सरकार से अपील है कि खरीफ की खराब हुई फसलों का 50000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। किसान की खराब हुई सारी फसलों का मुआवजा दिया जाए व 5 एकड़ वाली शर्त हटाई जाए।