सिरसा। गांव कुताबढ़ में पशुपालन जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर डा. संदीप, जीवीएच रानियां ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि अब पशुपालक 1962 नंबर पर कॉल करके अपने पशुओं का इलाज अपने ही घर पर करा सकते हैं। उन्होंने टीकाकरण, पोषण और मौसमी रोगों से बचाव के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 1962 मोबाइल वेटरनरी यूनिट सेवा पशुपालकों के लिए समय पर मिलने वाली राहत और भरोसे का प्रतीक बन चुकी है। फरवरी 2024 से शुरू हुई इस सेवा ने अब तक जिले में लगभग 20581 पशुओं का इलाज कर ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। यह सेवा हरियाणा सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे धानुष हेल्थकेयर सिस्टम्स प्रा. लि. द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत संचालित किया जा रहा है, जिसमें एचएलडीबी का तकनीकी सहयोग प्राप्त है। एक पशुपालक ने अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कि पहले हमें पशुओं का इलाज कराने के लिए दूर-दराज जाना पड़ता था, लेकिन अब केवल एक कॉल करने पर एंबुलेंस गांव तक पहुंच जाती है। यह सेवा खासकर छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत सहायक है। 1962 एंबुलेंस सेवा ने न केवल पशुपालकों के लिए त्वरित राहत सुनिश्चित की है, बल्कि उनके मन में सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास भी मजबूत किया है। यह सेवा सिरसा जिले के ग्रामीण पशुधन संरक्षण और विकास में अहम भूमिका निभा रही है।